Friday, August 8, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedसंपादकीय:- वरुण गांधी जनता के सम्मुख गरजे!

संपादकीय:- वरुण गांधी जनता के सम्मुख गरजे!

पीलीभीत के बीजेपी सांसद, संजय गांधी और मेनका गांधी सांसद के पुत्र वरुण गांधी हमेशा ही जनता यानी किसान, मज़दूर, आम आदमी के लिए आवाज़ उठाने वाले बीजेपी के एकमात्र सांसद हैं। वरुण गांधी को फायर ब्रांड नेता कहा जाता है। ऐसे समय जबकि बीजेपी का कोई मंत्री सांसद और मुख्यमंत्री केंद्रीय सत्ता से कोई भी सवाल पूछने की हिमाकत कर ही नहीं सकता। वरुण गांधी अपनी ही सरकार से बेबाक सवाल करते देखे और सुने जा सकते हैं।पीलीभीत उनका संसदीय क्षेत्र है। वे कहते हैं राजनीति में व्यापार करने नहीं आए हैं। क्षेत्रीय जनता की सेवा के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि संसद के पटल पर उन्होंने एक प्राइवेट बिल रखा है, भरोसा भारतीय रोजगार संहिता।उनके अनुसार केंद्र सरकार में एक करोड़ नौकरियां खाली पड़ी हैं। आप दस लाख नौकरियों का सृजन बाद में करिए ।उसके पहले एक करोड़ लोगों को नौकरी तो दीजिए। कोवीड काल में जो टेंडर पर अस्थाई सेवा दे रहे थे। सरकार ने उन्हें नियमित करने का वादा किया था मगर पूरा नहीं किया। महामारी से आज तक चिकित्सा विभाग में एक भी नया डॉक्टर, नया कंपाउंडर, नई नर्स रखी नहीं गई।ईश्वर न करे फिर कोई महामारी देश में आ गई तो? कोवीड काल में लाखों शहीद हो गए। वरुण गांधी ने वादा किया कि उन्हें मिलने वाली सांसद राशि पूरी की पूरी हेल्थ विभाग को देंगे। सांसद रहें, न रहें लेकिन सांसद निधि जनता के काम तो आयेगी। किसानों की चर्चा करते हुए कहा, इस साल बरसात कम हुई। फसल अच्छी नहीं हुई। कभी भूकंप तो कभी ओले तो कभी असमय वर्षा से किसान का नुकसान होता है। सरकार उनकी भरपाई कब करेगी। बैंक से लोन लेने की चर्चा करते हुए कहा, यदि बैंक से सौ रुपए कर्ज लिया जाता है तो 95 प्रतिशत कर्ज पूंजीपति लेते हैं। उन्होंने भगोड़े कर्जादारों के संदर्भ में कहा, जो लोग चार, पांच लाख करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भाग गए हैं।उनकी गरदन पकड़ कर कब लाया जाएगा? वे राजनीति में रहें या नहीं रहें जनता की लड़ाई लड़ते रहेंगे। बेरोजगारी की चर्चा करते हुए कहा, देश का युवा बेरोजगार है। एक करोड़ नौकरियां उन्हें देकर कुछ बेरोजगारी तो कम की जा सकती है। हर वर्ष रोजगार का सृजन कर धीरे धीरे बेरोजगारी को कम किया जा सकता है। वरुण गांधी ने कहा,हर समय हिंदू मुस्लिम मत करो। भाई को भाई से मत बांटो।भाई को मत काटो।क्या किसी चैनल ने किसानों ,बेरोजगारों की समस्या उठाई? क्या किसी अखबार ने उनके विषय में कुछ लिखकर छापा? नहीं क्योंकि मीडिया आम जन की चिंता नहीं करती। वह झूठ का गुणगान करती है। ताकत वह नहीं जिससे किसी को गिराया जाए। ताकत वह है जिससे किसी को उठाया जाए। ताकत का बेजा इस्तेमाल बंद करो। सच्चे मायने में वरुण गांधी तमाम सांसदों से अलग हैं। जहां दूसरे सांसद गलत तरीके से, कमीशन खोरी करके मालामाल हो रहे हैं वहीं वरुण गांधी ज्यों के त्यों हैं। वे पहले सांसद हैं जो सत्ता की आंखों में आंखें डालकर सवाल करते समय यह नहीं देखते कि उनके सवालों से उनकी ही सरकार असहज हो जाती है। बीच के दिनों में वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अफवाह उड़ाई जा रही थी लेकिन वरुण की मां ने साफ कर दिया कि वे और उनका बेटा कांग्रेस में नहीं जाने वाले। सफागोई के लिए वरुण गांधी जितना प्रिय हिंदुओं को हैं उतना ही प्रिय मुस्लिम मतदाताओं के लिए हैं। भले ही वे और उनकी माता जी का अपमान बीजेपी ने किया। मां से मंत्री पद छीन लिया लेकिन दोनों भाजपा के पक्के सिपाही हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments