Tuesday, July 1, 2025
Google search engine
HomeFashionसंपादकीय:- अपराधियों का गढ़ बन रहा संसद?

संपादकीय:- अपराधियों का गढ़ बन रहा संसद?

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट पढ़ने पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री का संसद में दिया गया भाषण अक्षरशः सत्य प्रमाणित होता है। उन्होंने कहा था, नेहरू के देश में संसद अपराधियों का गढ़ बन गई है। कैसी राजनीति बना दी गई है भारत की जिसमें अधिकांश एमएलए और एमपी अपराधी प्रवृत्ति के होते चले आ रहे हैं। देश का दुर्भाग्य ही है यह। कौन कहेगा भारत राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर जैन और सिख गुरुओं का भारत है? कौन कहेगा संतों ऋषियों महर्षियों ज्ञानियों विज्ञानियों का देश है यह भारत? स्वार्थलिप सत्तासुख भोग करने, देश को लूटने वाले राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल अपराधियों को टिकट देंगे। कौन कह सकता है यह वही देश है जहां वेद, शास्त्र, उपनिषद, पुराण लिखे गए? कौन कहेगा कि दुनिया को अशिक्षा के अंधकार से निकालने के लिए ज्ञान विज्ञान का परिचय देने वाला देश है भारत? कौन कहेगा कि यही वह पवित्र भारत भूमि है जहां गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन का व्यामोह दूर कर कर्तव्य पथ पर लाने के लिए ज्ञान दिया था? कौन कहेगा कि आज का भारत ही सीता, सावित्री, अनुसूया,गार्गी जैसी सती नारियों का देश है?कौन कहेगा आजादी के लिए आंदोलन करने वाले सत्य, अहिंसा के पुजारी गांधी जैसे महात्मा का यह देश है? कौन कहेगा यह अमर क्रांतिकारियों सुभाषचंद्र बोस, शहीदे आजम भगत सिंह, लाहिरी, चंद्रशेखर आजाद, रोशन सिंह, असफाक उलाह खान और सरहदी गांधी का यह देश है।कौन कहेगा रामायण के अमर गायक महर्षि बाल्मीकि, रामचरित मानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास, रघुवंशम महाकाव्य के महाकवि कालीदास, मीरा, सुर, जायसी, कबीर रहीम संत ज्ञानेश्वर, तुकाराम की धरती है यह? कौन कहेगा आजादी की मशाल जलाने वाले, अंग्रेज की छाती में बंदूक की गोलियां उतारने वाले मंगल पांडेय का भारत है यह? कौन कहेगा गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर और वंदे मातरम के गायक बंकिम चंद्र की तपोभूमि है भारत? शर्म आती है आधुनिक राजनीति में अपराधियों के राजनीतीकरण करने पर। उन्हें माननीय बनाने पर, कोफ्त होती है देश की नासमझ जनता की सोच पर जो सच्चे और झूठे, साधु और शैतान, सज्जन और दुर्जन में अंतर न कर पाने की मूढ़ स्थिति पर। कौन कहता है भारत का लोकतंत्र परिपक्व हो चुका है? देश की जनता जागरूक हो चुकी है? वह अपना हित अहित सोच ही नहीं सकती! गलती जनता की है जो मुट्ठीभर अन्न और चंद सिक्कों के बदले अपना अमूल्य वोट बेच देती है। अनपढ़ जनता भेड़ की तरह झुंड होती है। विवेकहीन तभी अपात्र नेता चुनती और भोगती है। दरअसल पार्टियों में इतना अधिक सत्तामोह है कि कोई भी दागी प्रत्याशी को खड़ा करने में परहेज नहीं करता।ऐसे में जनता का दायित्व है दलबदलु अपराधी और धनवान लोगों को वोट ही न दें। पहले फेज का चुनाव 19 अप्रैल को है जिसमें 19 राज्यों के 102 सीटों पर चुनाव होंगे।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कुल 102 सीटों के लिए 1618 उम्मीदवार खड़े हैं। जिनमें 16 प्रतिशत यानी 252 प्रत्याशियों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं। जिसमें हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे संगीन मामले हैं। 19 ऐसे हैं जिन पर हत्या की कोशिश 15 पर महिलाओं के साथ रेप और 35 पर भड़काऊ भाषण देकर देश में दंगे फैलाने की कोशिश के मामले दर्ज हैं। अपराधी मानसिकता के लोगों को टिकट देने में कोई भी दल पीछे नहीं है क्योंकि उनकी जीत 200 प्रतिशत पक्की मानी जाती है। जिनमे एआईडीएमके ने 36 प्रतिशत, बीएसपी ने 13 प्रतिशत, आरएलडी ने 100 प्रतिशत, टीएमसी ने 40 प्रतिशत, कांग्रेस ने 34 प्रतिशत, डीएमके ने 59 प्रतिशत, एस पी ने 43 प्रतिशत, बीजेपी ने 36 प्रतिशत अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को टिकट दिए हैं। ऐसे कुल केवल एक फेज में 1625 लोग हैं जिनमें 28 प्रतिशत, धनवान भी शामिल हैं। 10 प्रतिशत लोगों पर गंभीर अपराध, और 42 सीटें तो ऐसी हैं जहां तीन और इससे अधिक दागी उम्मीदवार खड़े हैं। 7 हत्या के मामले 19 हत्या की कोशिश और 15 तो ऐसे हैं जिन्हें कोर्ट दोषी करार दे चुका है।
याद हो कि सुप्रीम कोर्ट ने दागी या आपराधिक मामलों में लिप्त उम्मीदवार बनाए जाने पर रोक लगाने के लिए संसद से कानून बनाने को कहा था लेकिन सत्ता लोलूप दलों ने कानून नहीं बनाया। जनता को सोचना और निर्णय करना होगा कि पहले फेज में जब इतने अपराधी उम्मीदवार खड़े हैं तो शेष छः में कितने होंगे और अगर ये चुनकर संसद में पहुंचे तो कैसा और किसके भले का कानून बनाएंगे? याद रहे कि अपराधी और धनवान जनता की समस्याओं पर सरकार से सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें डर लगता रहेगा कि सवाल पूछा तो एनआईए, आईटी, सीबीआई और ईडी उनके पीछे लगा दी जाएगी जिससे उनकी काली कमाई का कच्चा चिट्ठा खुल जायेगा और वे संसद की जगह जेल में होंगे। इन्हीं अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के माननीय बनने से ही उनसे संबंधित गुर्गों सहित लाखों केस कोर्ट में पेंडिंग पड़े रहते हैं। जिसमें दोष न्यायालयों का दिया जाता है। हे जनता जनार्दन अपना और अपने देश का भविष्य तुम्हें अपने एक वोट से लिखना है। ऐसे दागी और धनवान लोगों ही नहीं दलबदलुओं की जमानत जब्त कराकर उन्हें उनकी सही जगह जेल में भेजें। इसी में जनता और राष्ट्र का भला होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments