
स्मरणीय है कि कुछ माह पूर्व महामना मदन मोहन मालवीय की बगिया बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में एक आईआईटी छात्रा से बदसलूकी। तीन युवकों ने छात्रा से बदसलूकी करके नारी अपमान की गाथा में एक और अध्याय जोड़ दिया गया था। जब छात्र आंदोलन कर रहे थे कि उस छात्रा को न्याय दिलाओ तो पुलिस ने उनमें से कई छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों को पुलिस ने पकड़ना बिन्हीं चाहा था तब भी विरोध में आपके प्रिय पत्र में संपादकीय आई थी। स्मरण है वह समय जब छात्र छात्राएं हॉस्टल में पढ़कर थक जाती थी। तब थोड़ी चहल कदमी और चाय या स्नेक्स लेने आधी रात को भी गेट के बाहर निश्चिंत होकर जाते, खाते पीते और फिर सुरक्षित हॉस्टल लौट आते थे। कभी भी वैसी दुर्दांत घटना नहीं हुई। महीनों बीत गए।छात्रा मानसिक रूप से बीमार पड़ गई लेकिन पुलिस थी कि आरोपियों को गिरफ्तार करने से बचती रही। तभी हमने दाल में कुछ काला और आरोपियों के सत्तारूढ़ दल से संबंधित होने की आशंका जताई थी।
आज वह आशंका सत्य साबित हुई।पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके नाम कुणाल पांडेय आईटी सेल, महानगर संयोजक, सक्षम पटेल उप संयोजक आईटी सेल भाजपा और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान सदस्य आईटी सेल। जी हां तीनों दरिंदे बीजेपी आईटी सेल के जिम्मेदार पदाधिकारी है। तीनों अच्छे घर के लगते हैं। शिक्षित भी। सवाल है दरिंदगी के संस्कार कहसे मिले? आरएसएस से बीजेपी से या फिर आईटी सेल के लोगों से? निश्चित ही माता पिता, स्वजनों से गंदे संस्कार नहीं मिले होंगे। आरएसएस ने भी ऐसे कुसंस्कार नहीं दिए होंगे। फिर कहां से उनके जेहन में इतनी गंदगी भरी होगी। याद आती है एक घटना सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ का एक फैसला बीजेपी सत्ता के खिलाफ क्या गया।आईटी सेल वाले टूट पड़े सीजेआई पर।लानत मलामत करने लगे। यहां तक कि उनके द्वारा गोद ली गई अपंग दोनों बेटियों के चीर हरण करने लगी आईटी सेल और भाजपा समर्थक लोगों ने सात लाख के ऊपर लोगों ने मां बहन बेटियों की ऐसी तैसी कर दी। सोचिए कितना प्रदूषण हुआ है उनके मन में? सोचिए जब सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पद पर बैठे सीजेआई के खिलाफ बीजेपी आईटी सेल इतनी नीचता पर उतर सकता है तो आम जनों का क्या हाल होता होगा। बीजेपी विधायकों पर बलात्कार और हत्या के मामले होंगे कुछ नहीं होगा। यदि खुद बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे महानुभाव कटुएओ आतंकी कहेंगे। खुले आम गोली मारो सालों को करते रहेंगे तो उनके फोलोवर तो और नीचे गिरेंगे। दरअसल बीजेपी का आईटी सेल गलियां देकर चुप कराने के लिए और झूठ फैलाने के लिए ही बनाया गया है तो इनसे शालीनता की उम्मीद कैसे की जाए। पीएम मोदी का चुनाव क्षेत्र गंगा मां की पावन धारा, आशुतोष भगवान काशी विश्वेश्वर की महानगरी, धर्म प्राण नगरी में जब मालवीय जी ने शिक्षा मंदिर बनवाया था तो संस्कार और शिक्षा का समागम उद्देश्य था।ऐसे मंदिर में आतातायी दरिंदों का क्या काम? पुलिस ने साल के आखिरी दिन गिरफ्तार कर लिया। इनके फोटो मोदी, योगी, केशव प्रसाद मौर्य, स्मृति ईरानी और महेंद्र पांडेय जैसे दिग्गज नेताओं मंत्रियों के साथ इंटरनेट पर प्रचारित होते हों तो पुलिस की क्या औकात कि उन्हें गिरफ्तार करे। बहरहाल देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस में देर से आए हौसले को सलाम। अंत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जो संसद में आसमान सिर पर उठा लेती हैं उनकी बी एच यू छात्रा के साथ दरिंदगी पर चुप्पी अनेक सवाल खड़ी करती है। उम्मीद है तीनों दरिंदों को कठोर दंड मिलेगा ताकि कोई इन सा दरिंदा मदन मोहन मालवीय के शिक्षा मंदिर में घुसकर दरिंदगी करने का दुस्साहस न करे।