
मुंबई। राज्य सरकार किसानों के 7/12 भूमि अभिलेखों पर सटीक फसल रिकॉर्ड सुनिश्चित करने के लिए एक ऐप के माध्यम से ई-फसल सर्वेक्षण कर रही है, जिसे अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करते समय इस आवश्यकता में छूट दी जाती है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि भविष्य में फसल सर्वेक्षण की सटीकता बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (एमआरएसएसी) के सहयोग से उपग्रह और ड्रोन तकनीक का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है। सदस्य कैलाश पाटिल द्वारा उठाए गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में नेटवर्क संबंधी समस्याओं या तकनीकी कठिनाइयों के कारण ई-फसल सर्वेक्षण नहीं हो पा रहा है, वहां ऑफलाइन सर्वेक्षण की अनुमति दी जाएगी, जिसे बाद में अपलोड किया जा सकता है। यदि ग्राम स्तर पर ई-फसल सर्वेक्षण नहीं कराया गया, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार राजस्व, कृषि और ग्रामीण विकास विभागों के समन्वय से फसल सर्वेक्षण की सटीकता सुनिश्चित करने पर काम कर रही है, ताकि फसल बीमा योजना का लाभ सही किसानों तक पहुंच सके। इसके लिए जिला परिषदों के कृषि विभाग और राज्य सरकार के कृषि विभाग को एक साथ लाकर उचित नीति तैयार करने के प्रयास किए जाएंगे। इसी प्रश्न का उत्तर देते हुए राजस्व राज्य मंत्री योगेश कदम ने बताया कि जिन पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है, वहां ग्राम राजस्व अधिकारी (तलाठी) द्वारा फसल सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसे मंडल अधिकारी स्तर पर अनुमोदित किया जाएगा। जिन इलाकों में नेटवर्क की समस्या बनी हुई है, वहां ऑफलाइन सर्वेक्षण के निर्देश जारी किए जाएंगे। इस मुद्दे पर हुई चर्चा में सदस्य प्रताप अडसड, सत्यजीत देशमुख, भास्कर जाधव, रणधीर सावरकर और अमित झनक ने भी भाग लिया।