
गढ़चिरौली। ११ लाख की इनामी मोस्टक्ष-वांटेड कट्टर महिला माओवादी को शनिवार को महाराष्ट्र पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने कहा, आरोपी की पहचान छत्तीसगढ़ के बीजापुर की २८ वर्षीय रजनी उर्फ कलावती एस. वेलादी के रूप में हुई है। महज १४ साल की उम्र में, रजनी २००९ में लाल आतंकवादी समूहों में शामिल हो गई थी और २०१३ तक ओरछा एलओएस में स्थानांतरित होने से पहले उसने फरसेगढ़ एलओएस के साथ एक साल तक काम किया था। संगठन में एसीएम के रूप में ‘पदोन्नति’ पाने के बाद, उसने नेशनल पार्क एरिया डॉक्टर टीम में काम किया। नीलोत्पल ने कहा, दो साल और फिर २०१५ में उसे सैंड्रा एलओएस सौंपा गया, जहां उसने महाराष्ट्र पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने तक छत्तीसगढ़ में काम किया। पुलिस के अनुसार, रजनी गुडम (२०१५) में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में शामिल था। बेज्जी के पास २०१७ में हुए मुठभेड़ में १२ जवान शहीद हो गए। २०१८-२०१९ में पुलिस के साथ दो और मुठभेड़ मारेवाड़ा और बोरमज्जी में हुआ। रजनी पर एक सरकारी बस जलाने (२०१८), और एक हत्या (२०२०), आगजनी और छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य अपराधों का भी आरोप है, और उसके सिर पर कुल ११ लाख रुपये का इनाम था, जिसमें महाराष्ट्र द्वारा ६ लाख एवं छत्तीसगढ़ द्वारा ५ लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एसपी नीलोत्पल ने कहा कि रजनी ने आत्मसमर्पण करने के अपने फैसले के लिए विभिन्न कारणों का हवाला दिया है, जिसमें वरिष्ठ माओवादी नेताओं द्वारा गरीब आदिवासियों का शोषण, महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, जबरन वसूली, विवाहित कैडरों के लिए कोई स्वतंत्र जीवन नहीं आदि। नीलोत्पल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की पुनर्वास नीति के अनुसार, रजनी ४.५० लाख रुपये के मुआवजे और सामाजिक और लोकतांत्रिक मुख्यधारा में फिर से शामिल होने के लिए अन्य लाभों की हकदार होंगी। .