
मुंबई। जुहू पुलिस ने विले पार्ले (पश्चिम) स्थित कूपर अस्पताल में तीन डॉक्टरों के साथ गाली-गलौज और मारपीट करने के आरोप में 35 वर्षीय समीर अब्दुल जब्बार शेख के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह घटना शुक्रवार आधी रात के बाद हुई और शनिवार को एफ़आईआर दर्ज की गई। पुलिस के अनुसार, समीर शेख अपनी 57 वर्षीय मां सैदा शेख को गंभीर हालत में अस्पताल लाया था। उसने बताया कि महिला को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वह बहुत कमजोर महसूस कर रही थीं। अस्पताल के एक्सीडेंट वार्ड में डॉ. प्रशांत भाडके ने जांच शुरू की और पाया कि मरीज का ब्लड प्रेशर रिकॉर्ड नहीं हो रहा था, कैरोटिड पल्स कमजोर थी और ऑक्सीजन सैचुरेशन भी नहीं मिल रहा था। स्थिति की गंभीरता देखते हुए डॉ. गौरव आनंदगांवकर ने तुरंत मेडिसिन डिपार्टमेंट और डॉ. करण देसाई को सूचित किया और टीम ने मरीज को बचाने के लिए सीपीआर देना शुरू किया। इलाज के दौरान समीर शेख ने डॉक्टरों को धमकाया कि अगर उसकी मां को कुछ हुआ तो वह उन्हें नहीं छोड़ेगा। तमाम प्रयासों के बावजूद, मरीज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और ईसीजी रिपोर्ट में फ्लैट लाइन दिखाई दी। जब डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसकी मां की मौत हो गई है, तो समीर शेख ने कथित तौर पर डॉ. आनंदगांवकर, डॉ. भाडके और डॉ. देसाई पर हमला कर दिया। उसने उनके साथ गाली-गलौज और हाथापाई की। अस्पताल स्टाफ और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर आरोपी को काबू में किया। बाद में पता चला कि मृतक सैदा शेख आरोपी की मां थी और दोनों अंधेरी (पश्चिम) के एक एसआरए बिल्डिंग में रहते थे। पुलिस ने समीर शेख के खिलाफ महाराष्ट्र मेडिकेयर सर्विस पर्सन्स एंड मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशंस (हिंसा और संपत्ति को नुकसान या हानि की रोकथाम) अधिनियम, 2010, और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 121(1), 132, 352 और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया है। इस घटना की सेंट्रल MARD और बीएमसी MARD दोनों ने कड़ी निंदा की है। संगठनों ने इसे डॉक्टरों पर ‘अमानवीय हमला’ बताया और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी पर सवाल उठाया। उन्होंने मांग की कि मेडिकेयर एक्ट के तहत आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, लापरवाह सुरक्षा कर्मचारियों को निलंबित किया जाए, और कैजुअल्टी, आईसीयू, ओबीजीवाई और अन्य महत्वपूर्ण वार्डों में प्रशिक्षित, हथियारबंद और जवाबदेह सुरक्षा कर्मियों की स्थायी तैनाती सुनिश्चित की जाए।




