
प्रयागराज। इलाहाबाद पारिवारिक न्यायालय में लंबित तलाक के मुकदमे में पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्य के मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार को एक बार फिर टल गई। आलोक मौर्य के कोर्ट के सामने हाजिर न होने के चलते सुनवाई टाल दी गई है। आलोक मौर्य ने के वकील ने हाजिरी माफी कोर्ट में प्रस्तुत किया। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 26 अक्तूबर मुकर्रर की है। इसके पहले भी सुनवाई के दौरान पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या हाजिर नहीं हो सकी थीं और उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। ज्योति मौर्य का कहना है कि प्रशिक्षण के कारण वह कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हो पा रही हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तिथि मुकर्रर की थी। इसके पहले 11 जुलाई को सुनवाई के दौरान भी ज्योति मौर्या उपस्थित नहीं हुई थीं। इसका कारण उन्होंने अवकाश न मिलना बताया था। 22 सितंबर को होने वाली सुनवाई पर आलोक मौर्य ने हाजिरी माफी लगाई है।
न्यायालय में लंबित है तलाक का मुकदमा
आलोक मौर्य और ज्योति मौर्या की शादी 2010 में हुई थी। 2009 में आलोक का चयन पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में हुआ था। इसके बाद उन्होंने ज्योति की पढ़ाई करवाई। साल 2015 में ज्योति का चयन एसडीएम पद पर हो गया। लोक सेवा आयोग से महिलाओं में ज्योति की तीसरी रैंक और ऑल ओवर 16वीं रैंक थी। सभी बहुत खुश थे। 2015 में जुड़वां बच्चियां हुईं।
ज्योति मौर्या के पति आलोक ने वापस ले ली है शिकायत
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या के खिलाफ की गई भ्रष्टाचार की शिकायत को उनके पति आलोक मौर्य ने वापस ले ली है। कमिश्नर और जांच अधिकारी को पत्र देकर उन्होंने अपनी शिकायत वापस लेने का प्रार्थना पत्र दिया था। प्रतापगढ़ में सफाई कर्मी के पद पर तैनात आलोक मौर्य ने अपनी एसडीएम पत्नी ज्योति मौर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उसने उस कथित डायरी के पन्नों के फोटोग्राफ भी शिकायत के समर्थन में पेश किया था जिसमें लाखों रुपये के लेनदेन का लेखाजोखा था। जांच अधिकारी ने सोमवार को आरोप के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया था।जांच अधिकारी के समक्ष पहुंचकर आलोक मौर्य ने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप उसने ही अपनी पत्नी पर लगाया था और इसकी जांच की मांग की थी, लेकिन अब वह अपनी शिकायत को वापस ले रहा है। इसके लिए उसने प्रार्थना पत्र भी दिया है। बता दें कि आलोक मौर्य की शिकायत पर कमिश्नर विजय विश्वास पंत की देखरेख में तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही थी। शिकायत वापस लेने के बाद जांच बंद कर दी गई और इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेज दी गई है।
आलोक ने हर माह लाखों रुपये वसूली का लगाया था आरोप
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या के पति आलोक ने शासन को शिकायती पत्र भेजकर ज्योति पर हर माह पांच से छह लाख रुपये वसूली का आरोप लगाया था। आलोक ने अपनी शिकायत के समर्थन में डायरी के पन्नों की छाया प्रति भी लगाई थी, जिसमें लेन-देन का पूरा हिसाब लिखा जाता था। शिकायत मिलने के बाद शासन ने कमिश्रर विजय विश्वास पंत को जांच सौंपी थी। कमिश्नर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई जिसमें अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल और दो अन्य सदस्य शामिल थे। बाद में शिकायत आलोक ने वापस ले ली। इसके बाद जांच बंद कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई। इससे ज्योति मौर्या को काफी राहत मिली। आलोक के इस कदम से हर कोई हैरान था।