Monday, December 15, 2025
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जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने गौशालाओं व गो-आश्रय स्थलों पर त्रिपाल व अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए आदेश

शीतलहर के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत प्रशासन अलर्ट
कमरों में रूम हीटर का प्रयोग सावधानी से करें, वेंटिलेशन अनिवार्य
शीतलहर व कोहरे को देखते हुए गोवंश की सुरक्षा के भी निर्देश

देवेश प्रताप सिंह राठौर
झांसी, उत्तर प्रदेश।
जनपद में शीतलहर के बढ़ते प्रकोप और भीषण ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने जनपद वासियों से अपील की है कि वे स्वयं को ठंड से सुरक्षित रखें और छोटे बच्चों, नवजात शिशुओं, बुजुर्गों तथा असहाय लोगों की विशेष देखभाल करें। जिलाधिकारी ने कहा कि शीतलहर और अत्यधिक ठंड के मद्देनज़र सभी नागरिक आवश्यक सावधानियां अपनाएं। उन्होंने आमजन से अपील की कि स्थानीय रेडियो, दैनिक समाचार पत्र, टीवी और मोबाइल के माध्यम से मौसम की अद्यतन जानकारी लेते रहें और इसे दूसरों तक भी पहुंचाएं। ठंड से बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोयले की अंगीठी, मिट्टी के तेल का चूल्हा अथवा रूम हीटर का प्रयोग अत्यंत सावधानी से करें। कमरों में शुद्ध हवा के आवागमन के लिए वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखें, जिससे जहरीली गैसों के जमाव से किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने गीले कपड़े तुरंत बदलने और शरीर को सूखा रखने की सलाह दी। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन घरों में अलाव की सुविधा नहीं है, वे अत्यधिक ठंड के दौरान प्रशासन द्वारा स्थापित सामुदायिक केंद्रों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जाएं, जहां अलाव की व्यवस्था की गई है। उन्होंने ऊनी कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर आदि बहुस्तरीय गर्म वस्त्रों के प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि इससे शीतदंश से बचाव संभव है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक ठंड व कोहरे के समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों को यथासंभव घर के अंदर ही रखें। शरीर में ऊष्मा बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। हाइपोथर्मिया के लक्षण जैसे असामान्य शरीर तापमान, भ्रम, स्मृति हानि, बेहोशी, अत्यधिक कंपकंपी, सुस्ती, थकान या तुतलाने की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। शीतदंश के लक्षणों जैसे हाथ-पैरों की उंगलियों, कान, नाक आदि का सुन्न पड़ना या सफेद/पीले धब्बे दिखाई देने पर भी तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने नागरिकों से अपने आसपास अकेले रहने वाले पड़ोसियों, विशेषकर बुजुर्गों, पर नजर रखने और आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन अथवा जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से संपर्क करने की अपील की। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने जनपद की सभी तहसीलों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों को निर्देश दिए कि ठंड से बचाव हेतु गरीब, निराश्रित और असहाय व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर कंबल वितरित किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति खुले में सोता हुआ न मिले और ऐसे लोगों को नजदीकी शेल्टर होम अथवा रैन बसेरे में भेजा जाए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि शीतलहर के दृष्टिगत गोवंश की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं एवं गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश को ठंड से बचाने के लिए त्रिपाल, पन्नी तथा अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या पशुहानि न हो।

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