
मुंबई। स्वास्थ्य विभाग की बुनियादी सेवाओं को सशक्त और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। विधान भवन में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहरी क्षेत्र के लिए पालक सचिव एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें और संबंधित योजनाओं को समयबद्ध गति दी जाए। इसके साथ ही, उन्होंने सभी स्वास्थ्य सेवाओं को अधिकतम डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने और उन्हें ‘आपले सरकार’ पोर्टल पर समाहित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या में वृद्धि की जाए। इस दिशा में 398 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 2806 उप-केंद्रों के आधुनिकीकरण पर लगभग 5983 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जो चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध होगा। उन्होंने राज्य सरकार और वित्तीय संस्थानों से मिलने वाली निधियों के विवेकपूर्ण उपयोग पर ज़ोर दिया और केंद्र व राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता बताई। राज्य के जिला, उप-जिला और ग्रामीण अस्पतालों को सुदृढ़ करने, दवाओं व उपकरणों की खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग को बढ़ावा देने, और विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के क्षमता निर्माण हेतु अभिनव पहल करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट को पूरी तरह अद्यतन किया जाए ताकि नागरिकों को योजनाओं की जानकारी सरलता से मिल सके और एक व्यापक स्वास्थ्य नीति प्रारूप शीघ्र तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए, मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलें और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती प्रक्रिया के लिए एक पृथक बोर्ड की स्थापना की जाए। साथ ही, एक नया बुनियादी ढांचा विकास निगम स्थापित करने की प्रक्रिया को भी तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए। बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर, मुख्य सचिव राजेश कुमार और विभागीय सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सचिव डॉ. निपुण विनायक ने स्वास्थ्य विभाग की बांड नीति और मौजूदा परिस्थिति पर प्रस्तुति दी, जबकि सचिव वीरेंद्र सिंह ने अन्य योजनाओं का विवरण रखा। बैठक में आयुक्त अनिल भंडारी, महेश आव्हाड, अन्नासाहेब चव्हाण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य की स्वास्थ्य नीति नागरिकों की सुविधा और पारदर्शिता को प्राथमिकता देगी।