
मुंबई। एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी माने जाने वाले धारावी क्षेत्र को आने वाले वर्षों में मुंबई महानगर का सबसे सुनियोजित और पुनर्विकसित शहर बनाया जाएगा। यह विश्वास महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि धारावी की वर्तमान पहचान को समाप्त कर उसे सामाजिक न्याय और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित धारावी पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा बैठक के उपरांत उपमुख्यमंत्री शिंदे ने मीडिया से यह जानकारी साझा की।
95,790 करोड़ रूपए की महत्त्वाकांक्षी परियोजना: अदानी समूह और राज्य सरकार की भागीदारी
शिंदे ने बताया कि 95,790 करोड़ रूपए की इस परियोजना में अदानी समूह की 80 प्रतिशतऔर राज्य सरकार की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह सिर्फ एक आवासीय योजना नहीं, बल्कि धारावीवासियों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने का एक सामाजिक संकल्प है। उन्होंने कहा, यह कोई सपना नहीं, बल्कि हमारा सामाजिक वचन है। परियोजना के अंतर्गत धारावीवासियों को केवल पक्के मकान ही नहीं मिलेंगे, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक समरसता जैसी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी। यह स्मार्ट मुंबई की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
परियोजना का दायरा और अनुमानित लाभ
धारावी का कुल क्षेत्रफल 253 हेक्टेयर है, जिसमें से 174 हेक्टेयर क्षेत्र का पुनर्विकास किया जाएगा। यह कार्य झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (SRA) और धारावी पुनर्विकास परियोजना के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसके लिए विशेष उद्देश्य कंपनी ‘NMDSL’ बनाई गई है, जिसमें अदानी प्रॉपर्टीज और राज्य सरकार की भागीदारी है। परियोजना के तहत कुल 72,000 यूनिटों का पुनर्विकास किया जाएगा, जिनमें 49,832 आवासीय और 12,458 औद्योगिक/व्यावसायिक यूनिटें शामिल हैं। अनुमान है कि इससे लगभग 6 लाख नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, लगभग 38,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्कूल, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, बाजार और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं निर्मित की जाएंगी।
आधुनिक सुविधाएं और नागरिकों की नई जीवनशैली
परियोजना में एक मल्टी-मोडल ट्रांजिट हब भी प्रस्तावित है, जिसे मेट्रो लाइन 11 से जोड़ा जाएगा। 108.99 हेक्टेयर भूमि पर विकास कार्य किया जाएगा और “स्मार्ट एवं चलने योग्य शहर” की संकल्पना को मूर्त रूप दिया जाएगा, जहां प्रत्येक नागरिक सुविधा अधिकतम 15 मिनट के भीतर सुलभ होगी।
सभी धर्मों का सम्मान और तकनीकी पारदर्शिता
धारावी में स्थित कुल 296 धार्मिक स्थलों जिनमें मंदिर, मस्जिद, दरगाह और चर्च शामिल हैं के पुनर्वास हेतु पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। सभी निर्णय धारावीवासियों के सुझावों और कानून सम्मत प्रक्रिया के अनुसार लिए जाएंगे। शिंदे ने बताया कि परियोजना में डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी और टेनेट मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कार्य में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित हो सके। अब तक ड्रोन और लिडार तकनीक की सहायता से 79,455 घरों का सर्वेक्षण पूर्ण किया जा चुका है और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।