धर्मशाला:(Dharamshala) तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत के मुददे पर चीन मुझ से संपर्क करने की कोशिश में है। मैं चीन से बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार हूं। तिब्बत की समस्या के समाधान के लिए चीन मुझसे मिलना चाहता है और मैं भी तैयार हूं। दलाई लामा ने कहा कि हम पूर्ण आजादी नहीं चाहते हैं बल्कि कई साल पहले हमने निर्णय लिया है कि हम चीन का हिस्सा बने रहेंगे।
दलाई लामा ने शनिवार को लद्दाख रवाना होने से पूर्व कांगड़ा एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान यह बड़ा बयान दिया है।
दलाई लामा कहा कि चीन ने तिब्बत के प्रति दमनकारी नीति अपनाई है। लेकिन अब चीन इस गलती को सुधारना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि अब चीन बदल रहा है, इसलिए वो मुझसे संपर्क साध रहा है। अब चीन को अहसास हो गया है कि तिब्बती लोगों की भावना बहुत मजबूत है इसीलिए वे मुझ से संपर्क करना चाहते हैं और मै भी तैयार हूं।
शनिवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा अपने एक माह के दौरे पर लद्दाख के लिए रवाना हुए। दलाई लामा दो दिन तक दिल्ली में रुकेंगे और उसके बाद लद्दाख के लिए रवाना होंगे।
उधर लद्याख पंहुचने से पूर्व दलाई लामा का यह बयान काफी मायने रखता है। चीन भले ही दलाई लामा को धर्मगुरू न मानकर एक कट्टरपंथी नेता मानता आया है, ऐसे में चीन द्वारा उनके साथ तिब्बत के मुद्दे पर बातचीत का न्यौता देना सबको हैरान करने वाला है। हालांकि चीन की चालाकी और धोखेबाजी से पूरी दुनिया वाकिफ है, बावजूद इसके धर्मगुरू इस बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार बैठे हैं।