
अमरावती। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को अमरावती में हवाई अड्डे और वाणिज्यिक यात्री उड़ान सेवा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि अमरावती में जल्द ही एक बड़ा पायलट प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किया जाएगा, जो दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे बड़ा पायलट ट्रेनिंग स्कूल होगा। फडणवीस ने बताया कि यह संस्थान पांच से छह महीने में तैयार हो जाएगा और हर साल लगभग 180 पायलटों को प्रशिक्षण देगा। इस संस्थान में 34 ट्रेनिंग विमान भी उपलब्ध होंगे। फडणवीस ने कहा कि यह पायलट प्रशिक्षण संस्थान अमरावती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा और इसे प्रधानमंत्री मोदी सरकार का अमरावती को दिया गया एक बड़ा उपहार करार दिया। उन्होंने आगे कहा कि अमरावती में पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क भी बनेगा, जिससे करीब 2 लाख रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा अकोला और यवतमाल के हवाई अड्डों का भी विस्तार किया जा रहा है।
केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू का बयान
इस मौके पर केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू भी मौजूद थे। नायडू ने अमरावती हवाई अड्डे के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह हवाई अड्डा विदर्भ और पूरे महाराष्ट्र के लिए प्रगति के नए रास्ते खोलेगा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र ने पिछले 10 वर्षों में बड़ी प्रगति की है, और कोल्हापुर, जलगांव, नासिक, गोंदिया और सिंधुदुर्ग जैसे क्षेत्रीय हवाई अड्डों को 7,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। नायडू ने अमरावती में फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (एफटीओ) की स्थापना के लिए एयर इंडिया की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि अब तक 160 नए एयर रूट्स की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 105 पर काम शुरू हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि 2014 में भारत में केवल 74 एयरपोर्ट थे, जो अब बढ़कर 159 हो गए हैं। विमानों की संख्या भी 400 से बढ़कर 800 हो चुकी है, और अगले 10-15 वर्षों में 30,000 पायलटों की जरूरत होगी।
महाराष्ट्र में एयरपोर्ट का नेटवर्क
वर्तमान में महाराष्ट्र में कुल 28 हवाई अड्डे कार्यरत हैं, जो कि भारत में सबसे ज्यादा हैं। इन हवाई अड्डों में अंतरराष्ट्रीय, घरेलू और अन्य प्रकार के हवाई अड्डे शामिल हैं, और मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा राज्य का प्रमुख एयरपोर्ट है।