
ठाणे। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को विपक्षी दलों के ‘दोहरे रुख’ की आलोचना की। शिंदे ने कहा कि पहले विपक्ष ने स्थानीय निकाय चुनाव प्राथमिकता के आधार पर कराने की मांग की थी, लेकिन अब वह मतदाता सूची में कथित विसंगतियों के कारण इन्हें स्थगित करने की मांग कर रहा है। शिंदे ने आरोप लगाया कि विपक्ष आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में “निश्चित हार” के डर से ऐसी रणनीतियां अपना रहा है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति- जिसमें भाजपा, शिंदे नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा शामिल हैं। चुनाव में बड़ी जीत हासिल करेगी। विपक्षी दलों- शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं ने हाल ही में राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और विभिन्न पते तथा विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में ‘डुप्लिकेट’ नाम होने की शिकायत की। उन्होंने ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव कराने से पहले मतदाता सूची सुधारने और विसंगतियों को दूर करने का आग्रह किया। ये चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरे किए जाने हैं। दिवाली के अवसर पर ठाणे में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, “विपक्ष स्वयं इस बात पर जोर दे रहा था कि चुनाव प्राथमिकता के आधार पर कराए जाएं और जब चुनाव होने वाले हैं तो वह चाहते हैं कि उन्हें स्थगित कर दिया जाए। विपक्ष ने विभिन्न आधारों पर चुनाव आयोग को कोसा और आरोप लगाए और अब अपनी शिकायतें लेकर चुनाव आयोग के पास जा रहा है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस रुख के पीछे चुनावी हार का डर है।