
मुंबई। महाराष्ट्र में 15वें वित्त आयोग की सहायता से चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंत्रालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त निधियों का उपयोग नियोजित समय सीमा में और पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जाए, ताकि एक भी रुपया वापस न जाए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की योजना अगले सौ वर्षों को ध्यान में रखकर की जाए और सभी कार्य उच्च गुणवत्ता के हों। बैठक में पवार ने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य को भरपूर सहयोग मिल रहा है, लेकिन केंद्र के अधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाए रखना जरूरी है ताकि सभी निधियां समय पर प्राप्त होकर चालू वित्त वर्ष के अंत तक खर्च हो जाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी और यदि किसी परियोजना को पूरा करने में अड़चनें आती हैं तो राज्य सरकार आवश्यक समर्थन देगी। बैठक में सिंधुदुर्ग में सेवानिवृत्त आईएनएस गुलदार जहाज का उपयोग करते हुए समुद्री कृत्रिम प्रवाल भित्तियों के निर्माण एवं स्कूबा डाइविंग तथा अंडरवाटर म्यूजियम जैसी पर्यटन सुविधाओं की योजना, नवी मुंबई के उल्वे में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ‘यूनिटी मॉल’ का निर्माण, नाशिक में ‘राम-काल-पथ’ का विकास, ठाणे, नागपुर, नवी मुंबई, छत्रपति संभाजीनगर, पिंपरी-चिंचवड़, कल्याण-डोंबिवली एवं सोलापुर में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास निर्माण, शहरी व ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सांस्कृतिक विरासत संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन, रेवास-रेड्डी समुद्री राजमार्ग एवं पुलिस आवास योजना जैसी विविध परियोजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी योजनाओं को समयबद्ध और समग्र दृष्टिकोण के साथ क्रियान्वित किया जाए तथा प्रत्येक कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस समीक्षा बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता, नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजगोपाल देवड़ा, नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम कुमार गुप्ता, ग्राम विकास के प्रधान सचिव एकनाथ दावले, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव अतुल पाटने, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सचिव संजय दाशपुते, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सचिव वीरेंद्र सिंह, सिडको के संयुक्त प्रबंध निदेशक गणेश देशमुख, नाशिक मनपा आयुक्त मनीषा खत्री, उपमुख्यमंत्री के सचिव डॉ. राजेश देशमुख तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री पवार ने दोहराया कि 15वें वित्त आयोग के माध्यम से प्राप्त निधियों का उद्देश्य राज्य की दीर्घकालिक सामाजिक व आर्थिक जरूरतों की पूर्ति करना है और इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए।