
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है। यह सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रहार माना जा रहा है। इस हमले के बाद भारत में जहां गुस्से और आक्रोश का माहौल है, वहीं पाकिस्तान में भी खौफ और बेचैनी देखी जा रही है। जांच एजेंसियों को इस ब्लास्ट के तार पुलवामा, फरीदाबाद और अन्य कई जगहों से जुड़ते हुए मिले हैं। अब तक सलमान, तारिक, आमिर और उमर सहित कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमें उनसे लगातार पूछताछ कर रही हैं।
दिल्ली से फरीदाबाद तक फैला सर्च ऑपरेशन
ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद में भी सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यही वह जगह है जहाँ से धमाके से कुछ घंटे पहले एक डॉक्टर और संदिग्ध आतंकी के घर से 2,500 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। बरामद विस्फोटकों की मात्रा और उसके समय ने जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। प्राथमिक जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि यह हमला किसी बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था, जिसकी योजना कई राज्यों में फैले मॉड्यूल द्वारा बनाई गई थी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे कड़े कदम की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों को साफ निर्देश दिए हैं कि इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार “ऑपरेशन सिंदूर” की तर्ज़ पर एक बड़ा सैन्य या रणनीतिक कदम उठा सकती है। इस ऑपरेशन के तहत भारत पहले भी आतंकियों और उनके ठिकानों पर सटीक जवाबी कार्रवाई कर चुका है। दिल्ली धमाके के बाद जिस तेजी से भारत ने जांच और सुरक्षा तैयारियाँ तेज़ की हैं, उससे पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है।
पाकिस्तान में घबराहट, सीमाओं पर हाई अलर्ट
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में सोमवार रात से ही लगातार मीटिंगों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एनएसए और डीजी-आईएसआई के साथ कई घंटे तक बैठक की। इसके बाद पाकिस्तान ने राजस्थान सीमा से सटे इलाकों में अपनी वायुसेना की पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने एक संयुक्त इमरजेंसी बैठक कर संभावित भारतीय जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा की। पाकिस्तान में मीडिया रिपोर्टों में यह चिंता जाहिर की जा रही है कि भारत किसी भी वक्त “नए ऑपरेशन सिंदूर” जैसी सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा चेतावनियाँ
इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी दूतावास ने भारत में अपने नागरिकों को लाल किला और उसके आसपास के क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को भारत-पाकिस्तान सीमा से 10 किमी के भीतर यात्रा न करने की चेतावनी जारी की है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर राज्य में यात्रा से परहेज करने की भी एडवाइजरी दी गई है।
भारत का सख्त संदेश और एजेंसियों की सक्रियता
गृह मंत्रालय ने इस हमले को संभावित आतंकी साजिश मानते हुए एनआईए को जांच का पूरा अधिकार सौंप दिया है। एनएसजी और एफएसएल की टीमें घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा कर रही हैं। एजेंसियों को यह भी शक है कि यह हमला एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क द्वारा वित्तपोषित था। सरकारी सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में भारत आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा और निर्णायक संदेश देने की तैयारी में है। चाहे वह राजनीतिक स्तर पर हो या सैन्य मोर्चे पर। लाल किले के पास हुआ यह धमाका केवल दिल्ली नहीं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा पर हमला माना जा रहा है। अब भारत एक बार फिर उसी मोड में दिखाई दे रहा है, जब पुलवामा के बाद उसने पाकिस्तान को उसकी ज़मीन पर जवाब दिया था।




