
मुंबई। आदिवासी सरकारी आश्रम स्कूलों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने और उनके शैक्षणिक नुकसान की भरपाई के लिए आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक वुइके ने प्रत्येक स्कूल में छात्रों की संख्या के आधार पर अतिरिक्त शिक्षण घंटे निर्धारित करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में गुरुवार को मंत्रालय में आयोजित बैठक में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर चर्चा की गई। बैठक में आदिवासी विकास विभाग के सचिव विजय वाघमारे, आयुक्त लीना बनसोड, विभाग के सभी अतिरिक्त आयुक्त, परियोजना अधिकारी और आश्रम स्कूलों के प्रिंसिपल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे। डॉ. वुइके ने कहा कि आदिवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अनिवार्य है। आश्रम स्कूलों में शिक्षकों के बड़े पैमाने पर रिक्त पद छात्रों की प्रगति में बाधा बन रहे हैं। सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बाहरी स्रोत पद्धति से शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। बाहरी स्रोतों से नियुक्त शिक्षक संबंधित आश्रम शालाओं में तत्काल कार्यभार ग्रहण करेंगे। कार्यभार ग्रहण न करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश परियोजना अधिकारियों को दिया गया है। इसके अलावा, परियोजना अधिकारियों को समय-समय पर आश्रम शालाओं का निरीक्षण कर आयुक्त कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।