
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने इस वर्ष जन्माष्टमी पर आयोजित होने वाले दही हांडी उत्सव में भाग लेने वाले 1.5 लाख पंजीकृत ‘गोविंदाओं’ के लिए बीमा कवरेज की घोषणा की है, जिसके तहत प्रदर्शन के दौरान मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रूपए तक का मुआवजा दिया जाएगा। इस पारंपरिक और रोमांचक उत्सव में, गोविंदा ऊँचाई पर लटके मटके को फोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं, जो अक्सर जोखिम भरा होता है। प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्सव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने यह बीमा योजना लागू की है, जिसमें गोविंदाओं की प्रशिक्षण, आयु और भागीदारी का सत्यापन महाराष्ट्र राज्य गोविंदा संघ करेगा और इसकी जानकारी पुणे के खेल एवं युवा सेवा आयुक्त को दी जाएगी। सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, मृत्यु या दोनों आंखों/दो अंगों की स्थायी क्षति की स्थिति में 10 लाख रुपए, एक आंख या एक अंग खोने पर 5 लाख रुपए, आंशिक विकलांगता के लिए बीमा कंपनी की निर्धारित श्रेणी के अनुसार मुआवजा और प्रदर्शन के दौरान लगी चोटों के लिए 1 लाख रुपए तक के चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह बीमा योजना केवल पंजीकृत प्रतिभागियों को ही मिलेगी और इसकी पूरी लागत राज्य सरकार वहन करेगी। 16 अगस्त को मनाए जाने वाले इस लोकप्रिय उत्सव में इस कदम से गोविंदाओं को अधिक सुरक्षा और भरोसा मिलेगा तथा पारंपरिक खेलों के प्रति नई जागरूकता भी पैदा होगी।