
छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगी पाबंदियां
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मुंबई स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगाने के बाद शुक्रवार को बैंक की शाखाओं के बाहर खाताधारकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आरबीआई ने बैंक की वित्तीय स्थिति और पर्यवेक्षी चिंताओं के चलते गुरुवार को जमाकर्ताओं की धन निकासी समेत कई बैंकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।
ग्राहकों में बढ़ी चिंता
सांताक्रूज पूर्व स्थित गोलीबार शाखा के बाहर शुक्रवार को जमाकर्ता अपने पैसे को लेकर परेशान नजर आए। ग्राहकों ने शिकायत की कि बैंक उनकी शंकाओं का समाधान नहीं कर रहा है और इसकी ग्राहक सेवा व मोबाइल ऐप भी काम नहीं कर रहे हैं। खाताधारक इस असमंजस में हैं कि उन्हें उनकी जमा पूंजी कब और कैसे मिलेगी।
निकासी और बैंकिंग गतिविधियों पर रोक
आरबीआई के निर्देशानुसार, बैंक अब किसी भी प्रकार के खाते – बचत, चालू या अन्य – से धन निकासी की अनुमति नहीं देगा। साथ ही, बैंक पर नए ऋण देने, जमा स्वीकार करने, निवेश करने, देनदारियों के भुगतान, और संपत्ति बेचने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। आरबीआई के अनुसार, जमाकर्ताओं को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि मिलने का हक रहेगा। हालांकि, यह रोक 13 फरवरी, 2025 तक प्रभावी रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
बैंकिंग लाइसेंस रद्द नहीं किया गया
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने का संकेत नहीं है। बैंक को अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने का अवसर दिया गया है और आरबीआई इस पर लगातार निगरानी रखेगा। बैंक की देशभर में 26 शाखाएं हैं और बड़ी संख्या में जमाकर्ता इससे जुड़े हुए हैं। इस बीच, ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे बैंक और आरबीआई की आधिकारिक घोषणाओं पर नजर बनाए रखें और घबराने की बजाय उचित कदम उठाएं।