
ठाणे। महाराष्ट्र की एक अदालत ने ठाणे के एक डॉक्टर को दुष्कर्म के करीब छह साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा, जिससे आरोपी को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिये। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 50 वर्षीय इस डॉक्टर पर 18 अगस्त, 2017 को अपने अस्पताल में एक मरीज के साथ दुष्कर्म करने और उसे इस घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था। डॉक्टर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं 376 (बलात्कार), 420 (धोखाधड़ी) और 506 (आपराधिक धमकी) लगायी थीं। बचाव पक्ष के वकील एनएन राजुरकर ने कहा कि मामले में 13 गवाहों से जिरह की गई। सत्र न्यायाधीश रचना आर तेहरा ने तीन जुलाई को अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से, अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया, उसे धोखा दिया और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। आदेश का विवरण गुरुवार को उपलब्ध कराया गया।