
मुंबई। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा बेंगलुरु के ‘शिवाजीनगर’ मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर ‘सेंट मैरी’ के नाम पर रखने के प्रस्ताव ने सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को इस कदम को छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। फडणवीस ने कहा- यह कदम धर्म पर आधारित और शिवाजी महाराज की विरासत के विरुद्ध है। कांग्रेस ने नेहरू के समय से ही मराठा योद्धा का अनादर करना अपनी परंपरा बना ली है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस पर पुनर्विचार करेंगे। उन्होंने आगे इसे शिवाजी महाराज की स्मृति मिटाने की कोशिश करार दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में सेंट मैरी बेसिलिका में वार्षिक भोज के दौरान स्थानीय समुदाय की मांग पर इस नामकरण पर विचार की बात कही थी। उनके डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने भी इस प्रस्ताव का बचाव करते हुए कहा कि स्थानीय अपीलों का संज्ञान लेना सरकार की जिम्मेदारी है। फडणवीस के साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा- छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र के नहीं बल्कि पूरे देश के आराध्य देवता हैं। शिवाजीनगर नाम बरकरार रहना चाहिए, अन्यथा जनता इसका जवाब देगी। कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाड़ी नारायण स्वामी ने भी सिद्धारमैया की घोषणा को ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ बताते हुए विरोध जताया। उन्होंने कहा- कांग्रेस तुष्टिकरण में डूबी हुई है और यही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है। शिवाजीनगर नाम हटाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस विवाद ने महाराष्ट्र और कर्नाटक की राजनीति में नए तनाव को जन्म दे दिया है, वहीं स्थानीय स्तर पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएँ तेज हो रही हैं।




