Thursday, November 21, 2024
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डीजीपी की नियुक्ति पर कांग्रेस का चुनाव आयोग को पत्र, नियुक्ति पर जारी अस्थायी आदेश को रद्द करने की मांग

मुंबई। महाराष्ट्र में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद को लेकर सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है। राज्य में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होने के बाद, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर तत्कालीन डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले की मांग की थी। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार रश्मि शुक्ला का तबादला हुआ और उनकी जगह संजय कुमार वर्मा की नियुक्ति की गई। हालांकि, अब कांग्रेस ने फिर से चुनाव आयोग को पत्र भेजकर संजय वर्मा की नियुक्ति पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार ने संजय कुमार वर्मा को सशर्त डीजीपी नियुक्त किया है, जो संविधान के प्रावधानों, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और प्रशासनिक सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस सशर्त नियुक्ति के कारण डीजीपी के लिए चुनाव के दौरान निष्पक्ष और तटस्थ भूमिका निभाना कठिन हो सकता है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए 5 नवंबर, 2024 को संजय कुमार वर्मा को बिना किसी शर्त के महाराष्ट्र के डीजीपी के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान पुलिस बल तटस्थ रहे और निष्पक्षता बनाए रखे। हालांकि, कांग्रेस का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार ने चुनाव आयोग के इस स्पष्ट निर्देश का उल्लंघन करते हुए वर्मा की नियुक्ति को केवल आचार संहिता की अवधि तक सीमित करने का आदेश जारी किया है। नाना पटोले ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्ति को सशर्त बनाए जाने का फैसला चुनाव आयोग के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और राज्य सरकार को संजय वर्मा की नियुक्ति पर जारी अस्थायी आदेश को रद्द करने के लिए निर्देशित करे।

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का भी हवाला
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के “प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ” मामले का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने डीजीपी की नियुक्ति को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखने और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। इस मामले में दिए गए फैसले के अनुसार, डीजीपी की नियुक्ति के दौरान पात्रता का ध्यान रखना और राजनीतिक प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक है, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले का उल्लंघन किया है।

राज्य सरकार की मंशा पर सवाल
कांग्रेस ने अपने पत्र में यह भी सवाल उठाया कि अगर राज्य सरकार का चुनाव के बाद फिर से रश्मि शुक्ला को डीजीपी के पद पर नियुक्त करने का इरादा है, तो इससे कानूनी और प्रशासनिक जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। कांग्रेस का कहना है कि इस प्रकार के अस्थायी बदलाव पुलिस बल की नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक निरंतरता को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे पर संज्ञान ले और संजय वर्मा की बिना शर्त नियुक्ति का आदेश जारी करे ताकि चुनावी प्रक्रिया के दौरान महाराष्ट्र पुलिस बल की निष्पक्षता और तटस्थता सुनिश्चित हो सके।

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