
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार ने राज्य की सियासत में बड़ा बदलाव होने का दावा किया है। उन्होंने सितंबर महीने में राज्य की राजनीति में सीएम बदले जाने का दावा किया है। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्य कुर्सी (सीएम) को खतरा है। मैं कह सकता हूं कि सितंबर तक राज्य का सीएम बदल जाएगा। उन्होंने कहा देखिए, महाराष्ट्र में जो चल रहा है वो ठीक नहीं चल रहा है। ये सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगी क्योंकि सबको सत्ता की भूख है, जल्द ही यहां सीएम की कुर्सी उनके हाथ से जाने वाली है। वडेट्टीवार बीते कई दिनों से सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार के मुखिया और डिप्टी सीएम के बीच संबंध सही नहीं होने का इशारा किया है। उन्होंने कहा, सीएम जब डिप्टी सीएम को साथ में खाना खाने के लिए बुलाते हैं तो वो लोग उनके पास नहीं जाते हैं, जिससे साबित होता है कि महाराष्ट्र में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट महाराष्ट्र सरकार में सत्तारूढ़ भागीदार हैं। अजित पवार पिछले महीने शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी से अलग हो गए और सरकार में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ दल के साथ हाथ मिलाने के बाद अजित पवार दूसरे डिप्टी सीएम बने, जबकि उनकी पार्टी के आठ सहयोगियों ने मंत्री पद की शपथ ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस भी डिप्टी सीएम हैं।
क्या बदले जाएंगे सीएम?
महाराष्ट्र की राजनीति में एक गलियारा भले ही राज्य में सीएम बदले जाने के दावे कर रहा हो लेकिन ऐसा सच होते नहीं दिख रहा है क्योंकि देवेंद्र फडणवीस का बयान इसके ठीक उलट है। जब मीडिया ने उनसे सवाल पूछा था तो उन्होंने इसका जवाब विस्तार से दिया था। उन्होंने कहा था,’एनसीपी के अजित दादा से उनके संबंध राजनीतिक हैं तो वहीं शिवसेना प्रमुख और राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे से उनके रिश्ते भावनात्मक हैं और उनको पद से हटाने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने आगे कहा था राज्य की सबसे बड़ी पार्टी का मुखिया होने के नाते मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ही रहेंगे। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी से हाथ मिला चुके अजित पवार लगातार अपने चाचा और एनसीपी मुखिया शरद पवार से मुलाकात कर रहे हैं जिस वजह से महाराष्ट्र के विपक्षी दलों में कन्फ्यूजन की स्थिति है।