
मुंबई। नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में 2017 से 2022 के बीच कई डेवलपर्स ने परियोजनाएँ खड़ी कीं, लेकिन उनमें आम जनता के लिए किफायती आवास को शामिल नहीं किया गया। इस गंभीर मामले की समीक्षा के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक विधान परिषद के सभापति प्रो.राम शिंदे की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रो. राम शिंदे ने स्पष्ट निर्देश दिए कि समिति की जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने तक किसी भी परियोजना को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी न किया जाए। उन्होंने कहा कि दस लाख से अधिक आबादी वाली नगर निगम सीमा में 4000 वर्ग मीटर से बड़ी और 20 हेक्टेयर से अधिक भू-क्षेत्र वाली निजी परियोजनाओं में आरक्षित क्षेत्र का 20 प्रतिशत हिस्सा म्हाडा को हस्तांतरित करना अनिवार्य है। बैठक में विधान परिषद सदस्य विक्रांत पाटिल, नगर विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम गुप्ता, सिडको के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल, नवी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त कैलाश शिंदे और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस कदम को नवी मुंबई में किफायती आवास की उपलब्धता सुनिश्चित करने और हाउसिंग पॉलिसी के पालन को सख्ती से लागू करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।