
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को ऊर्जा क्षेत्र की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि जनता को सस्ती दरों पर अधिक से अधिक बिजली उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए ऊर्जा क्षेत्र की आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए कि नियोजित समयसीमा में सभी प्रकल्पों को पूरा करने के लिए एक कालबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए और भविष्य को ध्यान में रखते हुए हरित ऊर्जा विकास पर विशेष बल दिया जाए।
मुख्यमंत्री सह्याद्री अतिथिगृह में ऊर्जा विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में अपारंपरिक ऊर्जा मंत्री अतुल सावे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया, जबकि राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डीकर, अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला, अपर मुख्य सचिव (वित्त) ओ. पी. गुप्ता, योजना विभाग के अपर मुख्य सचिव राजगोपाल देवरा, ग्राम विकास व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी तथा महावितरण, महापारेषण, महानिर्मिती और महाऊर्जा के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री सौर कृषी वाहिनी योजना 2.0 को दिसंबर 2025 तक पूर्ण किया जाए। इसके साथ ही पीएम सूर्यघर: मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य की सभी शासकीय इमारतों को सौर ऊर्जा से लैस करने हेतु महाऊर्जा को जल्द से जल्द सर्वेक्षण पूर्ण कर कार्य में गति लाने को कहा। फडणवीस ने यह भी बताया कि मॉडेल सोलर विलेज की दिशा में महावितरण और महाऊर्जा को संयुक्त प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि महाऊर्जा और निर्माण तथा पारेषण विभाग की सभी परियोजनाएं ‘गति शक्ति’ योजना की तर्ज पर निर्धारित समयसीमा में पूर्ण की जाएं। मुख्यमंत्री ने बिजली चोरी और नुकसान कम करने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने और बिजली बचत को लेकर जनजागृति अभियान चलाने की बात भी कही। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं से बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए शुरू की गई योजना पर तेज़ी से अमल करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य की बिजली वितरण प्रणाली को अधिक सक्षम और मजबूत बनाना आवश्यक है। इसके साथ ही हरित ऊर्जा विकास की दिशा में हाइड्रोजन इकोसिस्टम, शोध व कौशल विकास को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति का आकलन करते हुए यह दोहराया कि ऊर्जा क्षेत्र में सतत विकास आधारित योजनाओं की आज महती आवश्यकता है, और राज्य सरकार इस दिशा में दृढ़ संकल्पित है।