
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों की मदद करना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हाल की अतिवृष्टि से केवल फसल और पशुधन का ही नहीं, बल्कि कई जगहों पर जमीन भी बह गई है, जो किसानों की आजीविका पर स्थायी संकट खड़ा करती है। पवार ने स्पष्ट किया कि फसल बह जाने पर किसान को एक साल का नुकसान होता है, लेकिन जमीन बह जाने से उसकी उत्पादन क्षमता हमेशा के लिए खत्म हो जाती है। ऐसे में सिर्फ पंचनामा कर मुआवजा देना पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार किसानों को तात्कालिक राहत के साथ-साथ स्थायी मदद भी सुनिश्चित करे। पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से हो रही अतिवृष्टि ने राज्यभर में किसानों की फसल, पशुओं और जमीन का भारी नुकसान किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो कृषि क्षेत्र में गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पंचनामा केवल कागजों पर न होकर खेतों में जाकर वास्तविकता के आधार पर होना चाहिए और इसमें किसानों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने राज्य के कुछ मंत्रियों द्वारा स्वयं खेतों में जाकर स्थिति का आकलन करने को सकारात्मक कदम बताया। पवार ने सरकार से अपील की कि वह केंद्र की आपदा सहायता योजना का लाभ उठाकर तेजी से किसानों को मुआवजा दे और दीर्घकालिक समाधान तैयार करे, ताकि किसान भविष्य में ऐसी आपदाओं से उबर सकें।




