कोलंबो:(Colombo) श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 20 से 21 जुलाई तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जानकारी दी गयी कि विक्रमसिंघे की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाना व मजबूत करना है।
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 20-21 जुलाई को भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि यात्रा के दौरान विक्रमसिंघे भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ परस्पर हित के विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी और मजबूत करेगी।
भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में पिछले साल जुलाई में जन विद्रोह के कारण गोटबाया राजपक्षे को अपदस्थ किया गया था। इसके एक साल बाद विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा होगी। विक्रमसिंघे ने भारत के साथ अच्छे संबंधों पर जोर दिया है और इसे अपनी विदेश नीति का एक प्रमुख मुद्दा बनाया है। पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि श्रीलंका भारतीय रुपये को अमेरिकी डॉलर के बराबर उपयोग करते देखना चाहता है। विक्रमसिंघे श्रीलंका के वित्त मंत्री भी हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका की कमजोर अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।