
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) के लिए आवेदनों और शिकायतों के निवारण को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से कई स्वचालित प्रणालियों का शुभारंभ किया। यह पहल महाराष्ट्र सरकार द्वारा पारदर्शिता बढ़ाने, देरी को कम करने और विशेष रूप से ग्रेटर मुंबई में झुग्गीवासियों के लिए सेवा वितरण में सुधार करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। नवप्रारंभित स्वचालित प्रणालियों में वारिस प्रमाणपत्र स्वचालन प्रणाली शामिल है, जो नागरिकों को कानूनी वारिस प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा देती है। भूमि अधिग्रहण सुधार प्रणाली भूमि अधिग्रहण आवेदनों की ऑनलाइन प्रक्रिया को सक्षम बनाती है, जो परंपरागत रूप से एक जटिल और धीमी प्रक्रिया रही है। इसके अतिरिक्त, भूमि प्रीमियम के संबंध में विस्तार विकल्प प्रणाली आवेदकों को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भूमि प्रीमियम भुगतान स्थगित करने का अनुरोध करने की अनुमति देती है। इसके अलावा, पत्राचार रिकॉर्ड और शिकायत प्रबंधन प्रणाली पत्रों और शिकायतों को ट्रैक करने में मदद करेगी, जिससे बेहतर शिकायत प्रबंधन और निवासियों द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दों के त्वरित समाधान में सहायता मिलेगी। इन प्रणालियों का उद्देश्य प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और सुलभ बनाना है, ताकि नागरिक आसानी से अपनी चिंताओं को दर्ज कर सकें और उनकी प्रगति को भी ट्रैक कर सकें। पहल के तहत, मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) की वेबसाइट (http://sra.gov.in) पर भी विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की। इसमें भूमि अधिग्रहण आदेश, परिपत्र 144 और 144ए के तहत गैर-छूट प्रमाण पत्र, विभिन्न निष्कासन आदेश और पुनर्वास फ्लैट आवंटन पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं, जो अब आम जनता के अवलोकन हेतु उपलब्ध हैं। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, एसआरए के सीईओ महेंद्र कल्याणकर, सचिव संदीप देशमुख , उप प्रमुख अभियंता आर. बी. मिटकर तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। उन्होंने एसआरए में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में इन पहलों के महत्व पर बल दिया। यह कदम नागरिकों के लिए सेवाओं तक पहुँच को सरल बनाने और उन्हें अधिक कुशल तथा उत्तरदायी शासन व्यवस्था के प्रति जागरूक व सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।