
नागपुर। नगरविकास राज्यमंत्री माधुरी मिसाल ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि दत्तक वस्ती योजने के तहत 2013 से चलाए जा रहे स्वच्छ मुंबई प्रबोधन अभियान वस्ती स्वच्छता योजना का ऑडिट किया जाएगा। इस योजना की प्रभावशीलता और क्रियान्वयन का मूल्यांकन करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। विधानसभा सदस्य तुकाराम काते, अमीन पटेल, अमित साटम और प्रकाश सुर्वे ने इस संदर्भ में महत्वपूर्ण सुझाव और चिंता व्यक्त की। राज्यमंत्री मिसाळ ने बताया कि योजना की शुरुआत 1 फरवरी 2013 से पूरे मुंबई शहर में की गई थी। योजना के अनुसार 200 घरों के लिए एक यूनिट बनाई गई और प्रत्येक यूनिट के लिए महापालिका द्वारा महीने के 5,400 रुपये और प्रबोधन हेतु 600 रुपये, कुल मिलाकर 6,000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना की संरचना ऐसी है कि वस्ती में स्वच्छता के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को रहिवासियों से परिवार प्रति 20 रुपये और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से 50 रुपये जुटाने होते हैं। इन राशि के संकलन और महापालिका के अनुदान से संस्थाएं आवश्यक स्वच्छता उपकरण खरीदती हैं और स्वयंसेवकों की मदद से वस्ती की सफाई सुनिश्चित करती हैं।
मिसाल ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना के स्वयंसेवक सफाई कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं आते, इसलिए उन्हें न्यूनतम वेतन का अधिकार नहीं है। महापालिका के नियमित सफाई कर्मचारी वॉर्ड कार्यालयों से अपने कार्य पहले की तरह करते हैं; यह योजना उनके काम को पूरक रूप देती है। इसके साथ ही स्वयंसेवकों को मिलने वाले सहायता और स्वच्छता उपकरणों के लिए अनुदान बढ़ाने का प्रस्ताव महापालिका द्वारा विचाराधीन है।




