
नवी मुंबई। यात्रियों की सुविधा का दावा करने वाला मध्य रेलवे विभाग अपनी ज़िम्मेदारियों से कितना पीछे है, इसका ताज़ा उदाहरण नेरुल स्टेशन पर देखने को मिल रहा है। यहां प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 के बीच स्थित जल प्याऊ लंबे समय से बंद पड़ा है, जिससे यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। खासकर गर्मी के मौसम में यात्रियों को इस समस्या का अधिक सामना करना पड़ रहा है।
बंद पड़ा जल प्याऊ, बढ़ रही गंदगी
रेलवे विभाग अक्सर यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात करता है, लेकिन नेरुल स्टेशन पर स्थित यह जल प्याऊ इस दावे को खोखला साबित करता है। पानी की सुविधा न होने से लोग मजबूरन महंगा बोतलबंद पानी खरीदने पर मजबूर हैं। यही नहीं, लंबे समय से बंद पड़े इस जल प्याऊ में गंदगी जमा हो गई है, जिससे वातावरण दूषित हो रहा है। लेकिन रेलवे प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
यात्रियों की परेशानी को कौन सुनेगा?
मुम्बई लोकल ट्रेनों में रोज़ाना लाखों लोग सफर करते हैं। भीड़भाड़ के बीच थोड़ी राहत देने वाला यह जल प्याऊ यदि चालू होता, तो यात्रियों को राहत मिलती। लेकिन अब यह सिर्फ एक बेकार पड़े ढांचे में तब्दील हो चुका है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे विभाग अपनी ज़िम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है, और लापरवाह अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे।
रेलवे का दावा और ज़मीनी हकीकत
रेलवे प्रशासन लगातार यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की बात करता है। लेकिन जब बुनियादी सुविधाएं, जैसे पीने के पानी की उपलब्धता तक सुनिश्चित नहीं की जा रही, तो बड़े-बड़े दावों पर सवाल उठना लाज़मी है। सवाल यह है कि क्या रेलवे केवल कागज़ों पर ही यात्रियों की सुविधाओं का प्रचार करता रहेगा, या फिर ज़मीनी स्तर पर भी सुधार लाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे? यात्रियों की मांग है कि रेलवे प्रशासन जल्द से जल्द इस जल प्याऊ की मरम्मत कर इसे चालू करे, ताकि लोगों को मुफ्त में स्वच्छ पानी मिल सके। इसके साथ ही स्टेशन परिसर की सफाई और रखरखाव पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। अब देखना होगा कि रेलवे विभाग इस समस्या को गंभीरता से लेता है या फिर यात्रियों को ऐसे ही असुविधाओं से जूझने के लिए छोड़ दिया जाता है।