
मुंबई। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफ़एल) के खिलाफ यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया (ई-आंध्र बैंक) को कथित तौर पर 228 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस मामले पर अनिल अंबानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एफआईआर के मुताबिक, आरोपी जय अनमोल अनिल अंबानी, आरएचएफ़एल के पूर्व सीईओ और होल-टाइम डायरेक्टर रवींद्र सुधालकर सहित कंपनी के कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सीबीआई ने मुंबई में विशेष जज से सर्च वारंट लेकर आरएचएफ़एल की दो ऑफिसियल जगहों, जय अनमोल का घर और रवींद्र सुधालकर के घर पर तलाशी ली।
कथित धोखाधड़ी और फंड हेराफेरी का आरोप
एफआईआर के अनुसार, आरएचएफ़एल, जो मुख्य रूप से होम लोन, प्रॉपर्टी लोन और कंस्ट्रक्शन फाइनेंस का काम करती थी, ने बैंक से फाइनेंशियल सुविधाओं के लिए संपर्क किया और अनुमानित फाइनेंशियल जानकारी प्रस्तुत की। बैंक को कथित तौर पर यह विश्वास दिलाया गया कि फंड से कंपनी के बिजनेस की ग्रोथ में मदद होगी। आरएचएफ़एल पर यूनियन बैंक सहित 18 बैंकों और फाइनेंशियल संस्थाओं से कुल 5,572.35 करोड़ रुपये का लोन था। यूनियन बैंक ने 30 सितंबर 2019 को आरएचएफ़एल के अकाउंट को एनपीए (Non-Performing Asset) घोषित किया और 10 अक्टूबर 2024 को 228.06 करोड़ रुपये का कथित नुकसान दर्ज कर फ्रॉड घोषित किया। अकाउंट के एनपीए होने के बाद, 1 अप्रैल 2016 से 30 जून 2019 तक का फोरेंसिक ऑडिट किया गया। 6 मई 2020 को जमा ऑडिट में फंड के सिस्टमैटिक डायवर्जन और गलत बंटवारे का पता चला, जिससे लेंडर्स ने आरबीआई की गाइडलाइंस के तहत अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया। सीबीआई अधिकारी ने बताया, आरोपी कंपनी द्वारा सभी बैंकों और फाइनेंशियल संस्थाओं के साथ कथित धोखाधड़ी की पूरी जांच की जाएगी। तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। केस आईपीसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत धोखाधड़ी, क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी और क्रिमिनल मिसकंडक्ट के आरोपों में दर्ज किया गया है।




