
मुंबई। शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में गैर-संज्ञेय (Non-Cognizable) अपराध दर्ज किया गया है। यह मामला विधायक निवास स्थित कैंटीन के एक कर्मचारी से कथित मारपीट को लेकर दर्ज किया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 352 (हमला या आपराधिक बल) और 115(2) के तहत दर्ज इस मामले की कार्रवाई सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो और एक पुलिस अधिकारी की शिकायत के आधार पर की गई है।
घटना मंगलवार की है जब गायकवाड़ ने आकाशवाणी परिसर स्थित विधायक निवास की कैंटीन में खाना ऑर्डर किया था। उनका आरोप है कि परोसे गए भोजन — विशेषकर दाल से दुर्गंध आ रही थी और चावल बासी थे। इसी बात से नाराज़ होकर उन्होंने कथित रूप से कैंटीन कर्मचारी की पिटाई कर दी। यह पूरी घटना वहीं मौजूद एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी, जो देखते ही देखते तेज़ी से वायरल हो गई। वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर विधायक गायकवाड़ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विधानसभा परिसर और राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे को लेकर काफ़ी बहस छिड़ गई है। वहीं, पुलिस ने विधानसभा अध्यक्ष को भी इस मामले की सूचना देने की बात कही है। इस मामले पर सफाई देते हुए संजय गायकवाड़ ने किसी भी पछतावे से इनकार किया और कहा, “अगर सदन में कोई मुद्दा उठता है तो मुख्यमंत्री को बोलना ही पड़ता है। उन्होंने सिर्फ अपना कर्तव्य निभाया। ये कोई बड़ा अपराध नहीं है कि शिकायत दर्ज की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि “विपक्ष को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा होगा। गायकवाड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें फोन कर गुस्से पर नियंत्रण रखने की सलाह दी। विपक्षी दलों ने इस प्रतिक्रिया को अहंकारपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर जनप्रतिनिधि ही खुलेआम मारपीट करने लगें, तो यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं और आम नागरिकों की सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है। अब देखना यह होगा कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से क्या आगे की कार्रवाई की जाती है, या यह मामला भी राजनीतिक रसूख की आड़ में ठंडे बस्ते में चला जाएगा।