मुंबई। मुंबई पुलिस ने एक मामले में अपने ही विभाग के कांस्टेबल गणेश शिंदे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। शिंदे ने चुनाव प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए अपने मतपत्र की तस्वीर खींची और उसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया की गोपनीयता और निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनाव के दिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी को ध्यान में रखते हुए उनके लिए डाक मतपत्र का प्रावधान किया गया था। कांस्टेबल शिंदे ने बीड के अस्थी निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता के रूप में ताड़देव में अपने मतपत्र का प्रयोग किया था। हालांकि, मतपत्र के साथ किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध था, फिर भी उन्होंने मतदान केंद्र पर अपने मोबाइल का उपयोग कर मतपत्र की तस्वीर खींची और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। शिकायत मिलने पर जांच के बाद शिंदे की संलिप्तता की पुष्टि हुई। विल्सन कॉलेज बूथ के चुनाव अधिकारी प्रसन्ना तांबे ने शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर शिंदे पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 (लोक सेवकों के आदेशों की अवहेलना) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 128 (मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्हें पुलिस स्टेशन से धारा 35(3) के तहत नोटिस भी जारी किया गया, जिसमें उन्हें सम्मन आने पर पेश होने को कहा गया है। चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। मतदान केंद्रों में किसी भी प्रकार के मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है, और मतदाताओं को अपने मतपत्र गुप्त रूप से सुरक्षित लिफाफों में सील करके जमा करने के निर्देश हैं। कांस्टेबल शिंदे की इस हरकत ने न केवल चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया बल्कि मतदान प्रक्रिया की अखंडता को भी खतरे में डाल दिया।