
देवेश प्रताप सिंह राठोर
झांसी, उत्तर प्रदेश। बुंदेलखंड परिक्षेत्र के हस्तशिल्पियों को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने, उन्हें प्रशिक्षित करने, रोजगार देने और समुचित बाजार मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के बुंदेलखंड मेगा क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हस्तशिल्प मेला दूसरे दिन भी युवाओं के आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस मेले में सर्वाधिक भीड़ शाल, मफलर, बनारसी साड़ी, कांच के सजावटी सामान और डिजाइनर फ्रेम बेचने वाले हस्तशिल्पियों के पास जुटी। ‘थीमेटिक एक्जिबिशन 2025’ नाम से आयोजित यह मेला उत्तर प्रदेश राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास निगम लिमिटेड, लखनऊ के तत्वावधान में किया गया है, जो 24 सितंबर तक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता संस्थान के सामने चलेगा। इसमें बुंदेलखंड के सभी जिलों के हस्तशिल्पी और उद्यमी कारपेट, दरी, जरी-जरदोजी, चमड़े के विभिन्न उत्पाद, सॉफ्ट टॉयज, चितेरी आर्ट, चंदेरी एंब्रॉयडरी, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, पेपर वर्क और कागज के उत्पादों के स्टॉल लगाए हुए हैं। मेला संयोजक एवं ललित कला संस्थान के शिक्षक दिलीप कुमार ने बताया कि यह मेला प्रतिदिन पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा और इसमें हस्तशिल्प के विभिन्न उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। आज दूसरे दिन दोपहर बाद युवाओं की भारी भीड़ मेले में जुटी। इस दौरान पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के समन्वयक डॉ. कौशल त्रिपाठी, डॉ. जय सिंह, वरिष्ठ पत्रकार व शिक्षक उमेश शुक्ल, डॉ. राघवेन्द्र दीक्षित, डॉ. अभिषेक कुमार, ललित कला संस्थान की डॉ. सुनीता, डॉ. अंकिता शर्मा, डॉ. अजय कुमार गुप्ता, डॉ. ब्रजेश सिंह परिहार, डॉ. संतोष कुमार सहित उत्तर प्रदेश राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास निगम लिमिटेड, लखनऊ के वसीउल अब्बास, जाहिद रजा, संतोष चौहान, अहमद नवील, मुकेश कर्दम और कमलेश कुमार आदि ने हस्तशिल्प मेले के स्टालों का अवलोकन कर हस्तशिल्पियों की हौसला अफजाई की।




