मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस बल की बहादुरी और उत्कृष्टता को सलाम करते हुए राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन ने गोरेगांव स्थित राज्य रिजर्व पुलिस बल मैदान में आयोजित ‘महाराष्ट्र पुलिस वर्षगांठ दिवस’ पर कहा कि यह देश का आदर्श पुलिस बल है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, बृहन्मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर सहित पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त अधिकारी, पुलिसकर्मी और अन्य गणमान्य उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने आतंकवादी हमलों, संगठित अपराध, गिरोह युद्ध और बम विस्फोट जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर अपनी अद्वितीय बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने 26/11 मुंबई हमलों में शहीद तुकाराम ओम्बले की वीरता का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिनकी कुर्बानी ने आतंकवाद के खिलाफ देश के अडिग रुख को दुनिया के सामने रखा। राज्यपाल ने समुद्री सुरक्षा, नक्सलवाद, साइबर अपराध और युवाओं में बढ़ते नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को उभरती हुई चुनौतियों के रूप में चिन्हित किया। उन्होंने कहा कि इन खतरों से निपटने के लिए पुलिस बल को सतर्क और आधुनिक बनाना आवश्यक है। राज्य सरकार पुलिस बल के आधुनिकीकरण और भर्ती प्रक्रिया में तेजी ला रही है।
पुलिस बल में महिलाओं की बढ़ती संख्या को उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए राज्यपाल ने इसे सकारात्मक बदलाव का संकेत बताया।
पुलिस वर्षगांठ दिवस का इतिहास
पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने बताया कि 2 जनवरी 1961 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महाराष्ट्र पुलिस को पुलिस ध्वज प्रदान किया था। तब से हर साल 2 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम में राज्यपाल ने वर्षगांठ जुलूस का निरीक्षण किया और अनुशासित परेड की सलामी ली। जुलूस में राज्य रिजर्व पुलिस बल, मुंबई पुलिस सशस्त्र बल, महिला दस्ता, ठाणे सिटी-रेलवे पुलिस और दंगा नियंत्रण दस्ते ने भाग लिया। इस अवसर पर पाइप बैंड और साइलेंट आर्म ड्रिल का प्रदर्शन किया गया। राज्यपाल ने इस अवसर पर अपराधों पर अंकुश लगाने और भयमुक्त समाज बनाने की पुलिस बल की प्रतिबद्धता पर विश्वास जताया। समारोह के अंत में पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया।