
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे को मुंबई के आज़ाद मैदान में बिना पूर्व अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि शहर के प्रमुख स्थानों पर अधिकारियों की अनुमति के बिना कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। साथ ही, पीठ ने सुझाव दिया कि महाराष्ट्र सरकार जरांगे को खारघर या नवी मुंबई जैसे वैकल्पिक स्थलों पर प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए तैयार है। यह आदेश उस समय आया है जब मनोज जरांगे ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 26 अगस्त तक मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया, तो वे मुंबई की ओर विशाल विरोध मार्च निकालेंगे। सोमवार को जालना ज़िले के अंतरवाली सारथी गाँव से संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वहाँ से निकलने के बाद वे किसी भी प्रकार की वार्ता में शामिल नहीं होंगे। जरांगे द्वारा जारी रूट प्लान के अनुसार, यह मार्च 27 अगस्त को सुबह 10 बजे अंतरवाली सारथी से शुरू होगा और मनकला, शाहगढ़, शाहगढ़ चौक, अंबाल्टकली, तुलजापुर, वाघाडी और पैठण होते हुए शिवनेरी पहुँचेगा, जहाँ प्रदर्शनकारी रात में रुकेंगे। 28 अगस्त को शिवनेरी किले पर श्रद्धांजलि देने के बाद जुलूस राजगुरुनगर, चाकन, तलेगांव, लोनावाला, पनवेल, वाशी और चेंबूर से गुजरते हुए उसी शाम मुंबई के आज़ाद मैदान में पहुँचेगा। जरांगे ने घोषणा की है कि यदि सरकार ने समयसीमा तक सकारात्मक जवाब नहीं दिया, तो आंदोलन भूख हड़ताल में बदल जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी, 29 अगस्त से आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू होगी, जब तक कि आरक्षण की हमारी माँग पूरी नहीं हो जाती।