Wednesday, October 15, 2025
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मुंबई में नदियों और नालों की सफाई के लिए बीएमसी ने शुरू की जनभागीदारी पहल

सहायक आयुक्त मृदुला अंडे

नागरिकों की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक: सहायक आयुक्त मृदुला अंडे

मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) अब नदियों और नालों को स्वच्छ रखने के लिए जनभागीदारी को केंद्र में रखकर विशेष पहल शुरू करने जा रही है। इस पहल के प्रारंभिक चरण के तहत बीएमसी वकोला नाले की सफाई अभियान की शुरुआत करेगी। इसी संदर्भ में बुधवार, 17 सितंबर 2025 को बांद्रा स्थित एमआईजी क्लब में “मुंबई में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सामुदायिक भागीदारी” विषय पर एक हितधारक कार्यशाला आयोजित की गई। यह आयोजन बीएमसी ‘एच पूर्व’ विभाग, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआई) और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से हुआ। चर्चा में कचरा पृथक्करण, नागरिक जागरूकता, मीठी नदी और वकोला नाले को कचरा मुक्त बनाने जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। कार्यशाला में उपायुक्त (परिमंडल-3) विश्वास मोटे, ‘एच पूर्व’ प्रभाग की सहायक आयुक्त मृदुला आंदे, ‘एच पश्चिम’ प्रभाग के सहायक आयुक्त दिनेश पल्लेवाड, अखिल भारतीय स्थानीय शासन (मुंबई) ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुसंधान केंद्र की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रो. स्नेहा पलनीटकर, स्त्री मुक्ति संगठन की ज्योति म्हापसेकर, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS) की अमिता भिडे सहित कई गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा मनपा के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यशाला का मार्गदर्शन करते हुए उपायुक्त (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) किरण दिघावकर ने कहा कि जनजागृति और सामुदायिक भागीदारी से नालों व नदियों में बहने वाले अपशिष्ट को रोका जा सकता है। इसके लिए स्थानीय नागरिकों, विशेषज्ञों और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि वकोला नाले की सफाई पहल को शुरुआती स्तर पर लागू किया जा रहा है और भविष्य में इसे मुंबई की सभी नदियों और नालों तक विस्तारित किया जाएगा। ‘एच पूर्व’ प्रभाग की सहायक आयुक्त मृदुला अंडे ने कहा कि मीठी नदी और वकोला नाले में बड़ी मात्रा में कचरा जमा होता है। अकेले ‘एच पूर्व’ विभाग से प्रतिदिन करीब 300 टन कचरा इकट्ठा किया जाता है। ऐसे में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से नालों में कचरा गिरने से रोकना अत्यंत आवश्यक है। यह पहल न केवल नालों और नदियों की सफाई का प्रयास है, बल्कि मुंबई में पर्यावरण संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सामूहिक जिम्मेदारी को भी मजबूत करती है।

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