मुंबई। मुंबई में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बृहन्मुंबई महा नगर पालिका (बीएमसी) ने दिवाली पर पटाखे जलाने को लेकर गाइडलाइन जारी की है। बीएमसी ने मुंबईवासियों से अपील की है कि वे रात 10 बजे के बाद पटाखे न फोड़ें और ध्वनि रहित पटाखों को प्राथमिकता दें। गाइडलाइन में कहा गया है, “रोशनी का त्योहार दिवाली मुंबईवासियों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाना चाहिए। साथ ही, रोशनी जलाते समय और पटाखे फोड़ते समय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, खासकर बच्चों को अधिक सावधान रहना चाहिए। ऐसे पटाखे फोड़ने चाहिए जिनसे कम से कम वायु और ध्वनि प्रदूषण हो, ध्वनि रहित पटाखों को प्राथमिकता दें। बीएमसी ने कहा कि मुंबईकर दिवाली का पावन त्योहार बड़े उत्साह से मनाते हैं। इस त्योहार के दौरान पटाखों की रोशनी, पंत्या-दीपक की सजावट और बिजली की रोशनी का खूब इस्तेमाल होता है। हालांकि, आतिशबाजी से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण होता है। नगर निगम का मानना है कि यदि प्रदूषण को रोकने के लिए उचित सावधानियां बरती जाएं, तो दिवाली का आनंद बेहतर और यादगार तरीके से मनाया जा सकता है। बीएमसी की अपील है कि लोग पटाखे कम से कम फोड़ें ताकि वायु और ध्वनि प्रदूषण कम से कम हो सके। पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और अस्थमा जैसी बीमारियों के रोगियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। महाराष्ट्र समेत पूरे देश में दिवाली 31 अक्टूबर की रात मनाई जाएगी, जिसमें पटाखे और आतिशबाजियां इस त्योहार का मुख्य आकर्षण हैं। बीएमसी हर साल सुरक्षा कारणों से ऐसी गाइडलाइन जारी करता है, ताकि लोगों को सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक तरीके से त्योहार मनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।