
जयपुर। राजस्थान की नई नवेली भजनलाल सरकार ने एक आदेश पारित कर गहलोत सरकार में बनाए गए तमाम बोर्ड-आयोग, समितियों और टॉस्क फोर्स को भंग कर दिया है। प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा रविवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। भजनलाल सरकार अब पूरी तरह एक्शन मोड में है। रविवार को दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक अहम आदेश के जरिए गहलोत सरकार में की गई तमाम राजनीतिक नियुक्तियों को तुरंत प्रभाव से भंग कर दिया गया है। प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से तुरंत इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने राज्य स्तर पर तमाम बोर्डों-आयोगों में चेयरमैन सहित करीब ६०० से ज्यादा नियुक्तियां की थीं। साथ ही जिला स्तर पर कमेटियों में करीब सात हजार से ज्यादा अप्वाइंटमेंट किए गए थे। इसके अतिरिक्त जाते-जाते गहलोत सरकार ने विभिन्न जातियों के बोर्ड भी बनाए थे। हालांकि चुनाव नजदीक आने की वजह से इनमें ज्यादा नियुक्तियां नहीं हो पाई थीं।
सरकार ने आयोगों में नियुक्ति देकर बांटी थी रेवड़ियां
पिछली सरकार द्वारा जो राज्य स्तरीय बोर्ड-आयोग बनाए गए थे उनमें करीब ७४ बड़े नेताओं को नियुक्ति दी गई थी और ३० से ज्यादा विधायकों को विभिन्न आयोग-बोर्ड में लगाया गया था। इसके अतिरिक्त कई पूर्व विधायकों, विधायक प्रत्याशियों और मौजूदा विधायकों के परिजनों को अलग-अलग बोर्ड और आयोग में अध्यक्ष व सदस्य के रूप में लगाया गया था।
विभिन्न जातियों के लिए बने थे बोर्ड
कार्यकाल बीत जाने के चार साल बाद गहलोत सरकार ने बोर्ड-आयोगों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां शुरू की थीं। इनमें विभिन्न जातियों के वोट साधने के लिए अलग-अलग जातियों के बोर्ड भी बनाए गए थे।