
भोपाल:(Bhopal) मीडिया में प्रसारित की जा रही डीआरएम ऑफिस की कुर्की संबंधी खबरों को लेकर मंडल रेल प्रबंधन ने सोमवार को स्पष्टीकरण जारी किया है। रेलवे की ओर से कहा गया है कि यह मामला फिलहाल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसी दौरान जिला न्यायालय भोपाल द्वारा कुर्की का आदेश पारित किया गया है। इसलिए जिला न्यायालय, भोपाल के द्वारा आदेशित राशि को न्यायालय में अंडर प्रोटेस्ट जमा करने की कार्यवाही के लिए सक्षम अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया की जा रही है।
रेलवे द्वारा प्रकरण की जानकारी देते हुए कहा गया है कि भोपाल स्टेशन पर लगभग छः वर्ष पूर्व पार्किंग के ठेका के लिए पार्टियों द्वारा बोली लगाई गई थी। उच्चतम बिडर बसंत कुमार नागर को ठेका आवंटन हेतु लेटर ऑफ एक्सेप्टेंश जारी किया गया था। लेकिन उन्हें इस ठेके में घाटा होता हुआ नजर आने पर उसे छोड़ने की मंशा से उन्होंने अनुबंध नहीं किया और लाइसेंस छोड़ने के लिए आवेदन दे दिया। साथ ही तीन माह तक चलाये गए पार्किंग ठेका की लाइसेंस फीस और सुरक्षा राशि वापस करने की माँग की गई।
लेटर ऑफ एक्सेप्टेंश की शर्तों के अनुसार यदि पार्टी एक वर्ष की समय-सीमा के पहले ठेका छोड़ती है तो उसकी सुरक्षा राशि जब्त करने का प्रावधान है, जिसके अनुसार रेलवे द्वारा उसकी सुरक्षा राशि जब्त करते हुए ठेका निरस्त किया गया था। रेलवे की इस कार्रवाई के विरुद्ध पार्टी नें उच्च न्यायालय, जबलपुर के माध्यम से रेणु शर्मा सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश को ऑर्बिट्रेटर नामित करवाया था। इनके द्वारा प्रकरण रेलवे के विरुद्ध निर्णीत किया गया। इस निर्णय के विरुद्ध रेलवे द्वारा वाणिज्यिक कोर्ट में अपील की गई, जो पुनः रेलवे के विरुद्ध निर्णीत हुई। रेलवे द्वारा वाणिज्यिक कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध मामले में उच्च न्यायालय, जबलपुर में अपील की गई है, जो अभी विचाराधीन है।