
मुंबई। अभिनेत्री सारा अरफीन खान आज दो प्यारे जुड़वां बच्चों- अलीज़ा (बेटी) और ज़िदान (बेटा) की गर्वित माँ हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुँचना उनके लिए एक सहज यात्रा नहीं थी। मातृत्व की इस राह में उन्होंने दो बार गर्भपात जैसे दर्दनाक अनुभवों का सामना किया, लेकिन अपनी मानसिक दृढ़ता और सकारात्मक सोच के बल पर वे न केवल उबरीं, बल्कि आज उन हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो जीवन में ऐसे ही संघर्षों से गुजर रही हैं।
“माँ बनना एक जादुई एहसास है”— सारा
जब उनसे मातृत्व के बारे में पूछा गया, तो सारा भावुक होकर बोलीं-“मातृत्व एक बेहद खास भावना है। जब तक आप मां नहीं बनतीं, तब तक आप इसकी गहराई नहीं समझ सकतीं। बचपन से मैं अपनी मां के बेहद करीब रही और अब जब खुद मां बनी हूं, तो अपने बच्चों के साथ वही बंधन दोहरा रही हूं। हालांकि यह सफर आसान नहीं रहा — दो गर्भपात ने मुझे तोड़ दिया था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। आज मैं अपने जुड़वा बच्चों को देखकर गर्व और कृतज्ञता से भर जाती हूं। हर थकान, हर तनाव उन मासूम चेहरों को देखकर गायब हो जाता है।”
सारा की कहानी: एक उम्मीद की किरण
2019 में जब सारा जुड़वा बच्चों की माँ बनीं, तब उन्होंने न केवल मातृत्व को अपनाया, बल्कि अपने जीवन के सबसे बड़े जख्मों पर मुस्कान का मरहम भी पाया। उनके लिए माँ बनना सिर्फ एक जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और मानसिक पुनर्जन्म भी रहा। ऑनस्क्रीन अपनी भूमिकाओं से दर्शकों का दिल जीतने वाली सारा, ऑफस्क्रीन भी हजारों महिलाओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं। उनका आत्मविश्वास, उनका धैर्य और कभी हार न मानने का रवैया यह बताता है कि कठिनाइयों के बावजूद, हर महिला अपने जीवन में मातृत्व का सौंदर्य पा सकती है। यदि वह उम्मीद नहीं छोड़ती। सारा अरफीन खान को उनकी हिम्मत, सच्चाई और प्रेरणादायक यात्रा के लिए सलाम। वे इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं कि “माँ” होना वाकई दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है।