
पुणे। महिला आर्थिक विकास निगम (MAVIM) ग्रामीण महिलाओं को औद्योगिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘नवतेजस्विनी महाराष्ट्र ग्रामीण महिला उद्यम विकास परियोजना’ के अंतर्गत विविध पहलें कर रहा है। इसी पहल के तहत, बारामती की 30 महिला किसानों ने उच्च गुणवत्ता वाली हरी मिर्च उगाकर 40 मीट्रिक टन उत्पादन दुबई को निर्यात किया। इस उपलब्धि ने अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी प्रोत्साहित किया है। यह परियोजना संघर्ष क्लस्टर माइक्रो रिसोर्स सेंटर (CMRC), बारामती के माध्यम से लागू की गई और कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती ने तकनीकी मार्गदर्शन दिया। खरीद और विपणन के लिए आदि नेचर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ खरीद गारंटी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग
22 एकड़ क्षेत्र में इस प्रायोगिक खेती में ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग पेपर, जैविक उर्वरक और एकीकृत कीट प्रबंधन जैसे आधुनिक तरीकों का उपयोग किया गया। नीदरलैंड तकनीक पर आधारित हरी मिर्च के पौधों को अपनाया गया। औसतन प्रति महिला 6,000 किलोग्राम उत्पादन हुआ, जिसमें स्मिता पवार (7,692.5 किलोग्राम), रोहिणी जाधव (7,667.5 किलोग्राम) और रानी जम्हाधे (6,052.5 किलोग्राम) ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुँच
अनियमित वर्षा, कटाई के बाद की गुणवत्ता और निर्यात चुनौतियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय मार्गदर्शन, फसल बीमा सलाह और प्रसंस्करण प्रशिक्षण प्रदान किया गया। आगामी चरण में, उपज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऑन-साइट ग्रेडिंग इकाई स्थापित की जाएगी।
ग्रामीण महिलाओं के लिए नया मॉडल
इस पहल से न केवल ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ी है, बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाजार का अनुभव, तकनीकी ज्ञान और उद्यमशीलता कौशल भी प्राप्त हुआ। यह प्रयोग इस बात को साबित करता है कि ग्रामीण महिलाएँ वैश्विक कृषि मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। बारामती की यह उपलब्धि महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभर रही है।