
मुंबई। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब सहार पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शमीम मोहम्मद सत्तार को फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ यात्रा करते हुए गिरफ्तार किया। शमीम कथित रूप से अहमदाबाद पासपोर्ट कार्यालय से जाली दस्तावेजों के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट हासिल कर बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहा था। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब इमिग्रेशन अधिकारी राजीव रंजन कुमार राजकुमार यादव ने नियमित जांच के दौरान शमीम से सवाल-जवाब किए। शमीम का पासपोर्ट उसे गुजरात निवासी दिखा रहा था और उसके पास वैध बांग्लादेशी वीज़ा भी था, लेकिन यात्रा इतिहास में आई विसंगतियों ने अधिकारी को सतर्क कर दिया। पूछताछ में जब शमीम अपनी यात्रा और उसके उद्देश्य के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, तो गहन जांच में उसने स्वीकार किया कि वह वास्तव में बांग्लादेश का नागरिक है। इसके बाद पुलिस ने उसके पूरे बैकग्राउंड की छानबीन शुरू की। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि शमीम ने पहले 1992 में बांग्लादेश की एक महिला तस्लीमा से शादी की थी और फिर सिंगापुर चला गया था। सिंगापुर में उसने भारतीय नागरिक संगीता चौहान से 1995 में विवाह किया और 2002 में सड़क मार्ग से भारत आकर वडोदरा में बस गया।
यहीं से शमीम ने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर ‘अजयभाई दिलीपभाई चौधरी’ नाम से भारतीय पासपोर्ट बनवाया। इसी पासपोर्ट का इस्तेमाल उसने बांग्लादेश और अन्य देशों की यात्राओं के लिए किया। अब जब धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, तो उसे सहार पुलिस को सौंप दिया गया, जहां जालसाज़ी, सरकारी धोखाधड़ी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए फर्जी दस्तावेज़ इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। शमीम को अंधेरी की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। यह घटना ना सिर्फ आव्रजन प्रणाली की सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए सालों तक एक विदेशी नागरिक भारतीय पहचान के साथ देश-विदेश की यात्राएं करता रहा। मामले की आगे की जांच जारी है।