
मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी में नौ साल पहले हुए बहुचर्चित अश्विनी बिद्रे हत्याकांड में पनवेल की जिला एवं सत्र न्यायालय ने महिला इंस्पेक्टर के लिव-इन पार्टनर इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर को हत्या का दोषी करार दिया है। कोर्ट 11 अप्रैल को सजा सुनाएगा। वर्ष 2016 में अश्विनी अचानक लापता हो गई थीं और जांच में सामने आया कि उनके प्रेमी अभय ने ही उनकी हत्या कर शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे। शव को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने में दो अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आई, जिन्हें कोर्ट ने सह-अभियुक्त के रूप में दोषी ठहराया है। इस अपराध के बावजूद अगले ही वर्ष यानी 2017 में अभय को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था, जिस पर कोर्ट ने भी आश्चर्य जताया। अश्विनी मूल रूप से कोल्हापुर की रहने वाली थीं और महाराष्ट्र पीएससी पास कर पुलिस उपनिरीक्षक बनी थीं। 2014 में अपने पति से अलग होकर उन्होंने अभय के साथ नवी मुंबई में लिव-इन में रहना शुरू किया था। अभय पहले से विवाहित था और उसके दो बच्चे थे, पर उसने अपने घरवालों को इस रिश्ते की जानकारी नहीं दी। 11 अप्रैल 2016 को अश्विनी लापता हो गईं, और 15 अप्रैल को उनके भाई को उनके नंबर से एक मैसेज मिला कि वह उत्तर प्रदेश गई हैं। लेकिन महीनों तक कोई जानकारी नहीं मिलने पर मामला पुलिस में गया और जांच के बाद अभय को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में नौ साल तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार न्याय हुआ, और अब सबकी नजर 11 अप्रैल को होने वाली सजा की घोषणा पर टिकी है।