
मुंबई। राज्य में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज़ों की सेवा प्रभावित हो रही है। इस पृष्ठभूमि में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने डॉक्टरों और भारतीय चिकित्सा संघ से हड़ताल वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मरीज़ों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देना हमेशा से मेडिकल एसोसिएशन की परंपरा रही है और इस परंपरा को आगे भी कायम रखा जाना चाहिए। हसन मुश्रीफ ने कहा कि कानून और न्याय विभाग तथा महाधिवक्ता की राय के अनुसार महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने राज्य में पंजीकृत होम्योपैथिक चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक अलग पंजीकरण पुस्तिका रखी है। ये वही होम्योपैथिक चिकित्सक हैं जिन्होंने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल अधिनियम, 1965 की अनुसूची की प्रविष्टि 28 के तहत आधुनिक फार्मेसी (सीसीएमपी) में सर्टिफिकेट कोर्स पूरा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को रिट याचिका क्रमांक 7846 और 7847/2014 में 14 मार्च 2016 के अंतरिम आदेश और याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कार्य करने का निर्देश दिया गया है। इसी आधार पर 25 जून 2014 की अधिसूचना में संशोधन लागू करने संबंधी 5 सितंबर 2025 के सरकारी पत्र का भी पालन किया जा रहा है। चूंकि यह मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय के विचाराधीन है, राज्य सरकार न्यायालय के अंतिम निर्णय के अनुसार ही आगे की कार्रवाई करेगी। इसी संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने डॉक्टरों से अपील की है कि मरीजों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए हड़ताल खत्म करें और सेवाओं को सामान्य करें।