
मुंबई। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सुर्खियों में आ गए हैं। शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने अब हजारे के बयान पर सवाल उठाए हैं। राउत ने कहा कि अन्ना हजारे अरविंद केजरीवाल की हार पर खुश हैं, लेकिन उन्होंने यह भी पूछा कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, तब हजारे चुप क्यों रहे?
राउत ने उठाए कड़े सवाल
संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “जब मोदी के शासन में भ्रष्टाचार हुआ, तब अन्ना हजारे कहां थे? अब जब केजरीवाल की हार पर वे खुश हैं, तो जब देश का खजाना लूटा जा रहा है और एक ही उद्योगपति के हाथों में सारा धन जा रहा है, तब हजारे की चुप्पी के पीछे क्या कारण हो सकता है?
मतदाता सूची में गड़बड़ी पर भी सवाल
राउत ने महाराष्ट्र और दिल्ली के मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर समान पैटर्न का आरोप लगाया और कहा कि हजारे ने इस मामले पर भी चुप्पी साधे रखी है। उन्होंने हरियाणा में भी ऐसी ही शिकायतों का जिक्र किया और बिहार चुनावों में भी ऐसी समस्याएं सामने आने का अंदेशा जताया।
संजय राउत का आरोप – चुनावों में गड़बड़ी
राउत ने 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से चुनावी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा, “चुनावों में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जा रहा है। जीती हुई सीटें जोड़-तोड़ और धनबल के माध्यम से हासिल की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार का मुख्य कारण जोड़-तोड़ और धनबल का इस्तेमाल था। इस चुनाव में बीजेपी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी की सत्ता को खत्म किया।
दिल्ली चुनाव परिणाम
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने दिल्ली में 48 सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज़ हुई, जबकि आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटें ही जीत सकी।