मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को कहा कि पिछली महा विकास आघाडी सरकार के दौरान बड़े नेताओं के खिलाफ बयान देने का दबाव डाले जाने संबंधी राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख का आरोप सच प्रतीत होता है। उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में राजनीतिक स्थिति बदल गयी है तथा उन नेताओं को झूठे आरोपों में जेल में डालने का बड़े पैमाने पर ‘प्रयोग चल रहा है’ जो भाजपा शासन के विरूद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयोग महाराष्ट्र में भी हुआ और जिन नेताओं ने सत्तारूढ़ दल की बात मान ली उन्हें (भ्रष्टाचार के मामलों में) क्लीनचिट मिल गयी। पटोले ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टियां शिवसेना और राकांपा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई से डर गयी थीं। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास अनिल देशमुख के विरूद्ध कोई वीडियो साक्ष्य है तो उन्हें उसे जारी करना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि कहीं भाजपा नेता उसे किसी अन्य तरीके से उपयोग करने की फिराक में तो नहीं हैं। देशमुख ने बुधवार को आरोप लगाया था कि फडणवीस के एक ‘बिचौलिये’ ने उन्हें मुकदमेबाजी में फंसने से बचने के लिए (तत्कालीन) महा विकास आघाडी सरकार के बड़े नेताओं के खिलाफ हलफनामा देने को कहा था। फडणवीस ने इस आरोप का खंडन किया है। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने अप्रैल, 2021 में महाराष्ट्र के गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उनपर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं। देशमुख के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए फडणवीस ने कहा था, अनिल देशमुख को पता होना चाहिए कि उनकी ही पार्टी के नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार या विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के विरूद्ध उनकी टिप्पणियों वाले कई दृश्य-श्रव्य सबूत उपलब्ध कराये हैं। यदि मुझपर झूठे आरोप लगाये जाते हैं तो मेरे पास इस सबूत को सार्वजनिक करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा।