
मुंबई। मुंबई में वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाकर की जा रही साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। विले पार्ले (पश्चिम) से सामने आया ताज़ा मामला चौंकाने वाला है, जहां एक 82 वर्षीय सेवानिवृत्त व्यक्ति ऑनलाइन ठगों के जाल में फंस गए और 1.08 करोड़ रुपए की ठगी का शिकार हो गए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पीड़ित को 30 सितंबर 2025 को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को दिल्ली दूरसंचार विभाग का अधिकारी “पवन कुमार” बताया। कॉलर ने दावा किया कि किसी ने पीड़ित के आधार कार्ड का उपयोग करके केनरा बैंक में एक फर्जी खाता खोला है, जो अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण में शामिल है। इसके बाद, पीड़ित को एक और वीडियो कॉल आई, जिसमें एक महिला ने खुद को दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर “खुशी शर्मा” के रूप में पेश किया। ठगों ने पीड़ित को यह कहकर डराया कि अगर उन्होंने “जांच” में सहयोग नहीं किया, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से बचने और “क्लियरेंस सर्टिफिकेट” प्राप्त करने के लिए पीड़ित को अपने बैंक खातों का विवरण साझा करना होगा। भय और भ्रम की स्थिति में, वरिष्ठ नागरिक ने अपने और अपनी पत्नी के खातों से ₹1.08 करोड़ रुपये ठगों द्वारा बताए गए विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। इतना ही नहीं, जालसाजों ने वीडियो कॉल के ज़रिए पीड़ित पर लगातार नज़र रखी और सख्त चेतावनी दी कि वह अपने बच्चों या किसी अन्य व्यक्ति को इस घटना के बारे में न बताए, वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मामले की शिकायत दर्ज होने के बाद, पश्चिम क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल पर भरोसा न करें और ऐसी किसी भी घटना की तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें।