Tuesday, October 14, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedहिंदी दिवस पर अमित शाह की अपील, कहा- सभी भारतीय भाषाओं का...

हिंदी दिवस पर अमित शाह की अपील, कहा- सभी भारतीय भाषाओं का करें सम्मान

नई दिल्ली। भारत में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं। हिंदी देश की सबसे बड़ी आबादी में बोली जाने वाली भाषा है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसी फैसले को याद करते हुए 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। तब से हर साल इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “हमारा देश मूलतः भाषा-प्रधान राष्ट्र है। हमारी भाषाएं संस्कृति, इतिहास, परंपराओं, ज्ञान, विज्ञान, दर्शन और अध्यात्म को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम रही हैं। हिंदी दिवस के इस अवसर पर, आइए हम हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करें और एक आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और विकसित भारत की ओर अग्रसर हों। अमित शाह ने कहा कि हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर दक्षिण के विशाल समुद्र तटों तक, रेगिस्तान से लेकर बीहड़ जंगलों और गांव की चौपालों तक, भाषाओं ने हर परिस्थिति में मनुष्य को संगठित रहने और संवाद एवं अभिव्यक्ति के माध्यम से एकजुट होकर आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की भाषाओं की सबसे बड़ी ताकत यह है कि उन्होंने हर वर्ग और समुदाय को अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में बिहू के गीत, तमिलनाडु में ओवियालु की आवाज़, पंजाब में लोहड़ी के गीत, बिहार में विद्यापति के पद, बंगाल में बाउल संतों के भजन, कजरी गीत और भिखारी ठाकुर का ‘बिदेसिया’- इन सभी ने देश की संस्कृति को जीवंत और कल्याणकारी बनाए रखा है। गृह मंत्री ने कहा कि संत तिरुवल्लुवर के पद दक्षिण में उतनी ही श्रद्धा से गाए जाते हैं जितनी उत्तर में उन्हें रुचि के साथ पढ़ा जाता है और कृष्णदेवराय दक्षिण में भी उतने ही लोकप्रिय थे जितने उत्तर में। अमित शाह ने कहा, “सुब्रमण्यम भारती की देशभक्तिपूर्ण रचनाएं हर क्षेत्र के युवाओं में राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाती हैं। गोस्वामी तुलसीदास हर भारतीय के लिए पूजनीय हैं और संत कबीर के दोहे तमिल, कन्नड़ और मलयालम में अनुवादित पाए जाते हैं।” उन्होंने कहा कि सूरदास की कविताएं आज भी दक्षिण भारत के मंदिरों और संगीत परंपराओं में प्रचलित हैं। उन्होंने कहा कि असम के श्रीमंत शंकरदेव और महापुरुष माधवदेव को हर वैष्णव जानता है और भूपेन हजारिका के गीत हरियाणा के युवा भी गुनगुनाते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि गुलामी के कठिन दौर में भी भारतीय भाषाएं प्रतिरोध की आवाज बनीं। उन्होंने कहा, “हमारी भाषाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन को एक राष्ट्रव्यापी प्रयास बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने क्षेत्रों और गांवों की भाषाओं को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा। गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी के साथ-साथ, सभी भारतीय भाषाओं के कवियों, साहित्यकारों और नाटककारों ने लोक भाषाओं, लोककथाओं, लोकगीतों और लोकनाट्यों के माध्यम से हर आयु वर्ग, वर्ग और समुदाय में स्वतंत्रता के संकल्प को मजबूत किया। उन्होंने कहा, ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे हमारी भाषाई चेतना से उभरे और स्वतंत्र भारत के गौरव के प्रतीक बन गए। उन्होंने कहा- पिछले दशक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय भाषाओं और संस्कृति के पुनर्जागरण का एक स्वर्णिम युग आया है। चाहे संयुक्त राष्ट्र का मंच हो, जी-20 शिखर सम्मेलन हो, या शंघाई सहयोग संगठन को संबोधित करना हो, मोदी जी ने हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में संवाद करके भारतीय भाषाओं का गौरव बढ़ाया है। गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत काल में, पीएम मोदी ने देश को गुलामी के प्रतीकों से मुक्त कराने के लिए पंच प्रण लिए हैं, जिनमें भाषाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, हमें संचार और संवाद के माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं को अपनाना होगा। शाह ने कहा कि राजभाषा विभाग ने अपनी स्थापना के 50 स्वर्णिम वर्ष पूरे करते हुए हिंदी को जन-जन की भाषा और जनचेतना की भाषा बनाने में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा, 2014 से सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि 2024 में हिंदी दिवस पर सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं के बीच निर्बाध अनुवाद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं केवल संचार का माध्यम ही न बनें, बल्कि प्रौद्योगिकी, विज्ञान, न्याय, शिक्षा और प्रशासन की आधारशिला बनें।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments