
मुंबई। अंधेरी से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि सीआईएसएफ़ से बर्खास्त एक कॉन्स्टेबल ने कई लोगों को रोजगार दिलाने का झांसा देकर 2.88 करोड़ रुपये हड़प लिए। मुख्य आरोपी की पहचान निलेश काशिराम राठौड़ के रूप में हुई है, जो फिलहाल फरार है। नवी मुंबई के संतोष खुर्पुड़े (55) की शिकायत पर साहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। शिकायत के अनुसार, फरवरी 2023 से 11 सितंबर 2024 के बीच राठौड़ ने पीड़ित की भतीजी वर्षा खुर्पुड़े और गांव के कई युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया। उसने बैंक ट्रांसफर और नकद के जरिए करोड़ों रुपये लिए और बाद में फर्जी नियुक्ति पत्र और नकली दस्तावेज सौंप दिए। जब वादा पूरा नहीं हुआ तो पीड़ितों को धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस ने आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 319(2), 336(2), 336(3), 338 और 340(2) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी मुंबई के कई थानों में राठौड़ के खिलाफ शिकायतें आई थीं, लेकिन उस समय एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई थी। बाद में पीड़ित मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती से मिले, जिसके बाद औपचारिक मामला दर्ज हुआ। पुलिस की कई टीमें आरोपी की तलाश में जुटी हैं।




