
मुंबई। महाराष्ट्र लोकसेवा हक्क अधिनियम को और अधिक लोकाभिमुख बनाने के लिए प्रयास करें। 15 अगस्त 2025 तक शासन की सभी सेवाओं को ऑनलाइन लाना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वाले विभागों पर प्रत्येक सेवा के लिए प्रतिदिन 1,000 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा, ऐसा निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की जानकारी दी जाए, इसके लिए इस अधिनियम को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। सह्याद्री अतिथिगृह में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में महाराष्ट्र लोकसेवा हक्क अधिनियम 2015 की दशकपूर्ती और पहले ‘सेवा हक्क दिन’ के अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने संबोधन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन सामान्य प्रशासन विभाग और महाराष्ट्र राज्य सेवा हक्क आयोग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि इस अधिनियम के तहत 1000 से अधिक सेवाएं अधिसूचित की गई हैं, जिनमें से 583 सेवाएं पहले ही ऑनलाइन हैं। अभी भी 306 सेवाओं को ऑनलाइन लाना बाकी है और 125 सेवाएं, जो ऑनलाइन हैं, उन्हें साझा पोर्टल पर उपलब्ध कराना शेष है। इसीलिए सभी विभागों को 15 अगस्त 2025 तक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। फडणवीस ने बताया कि बीते दस वर्षों में तकनीक ने तेज़ी से प्रगति की है। मंत्रालय में ‘चेहरा सत्यापन एप’ (Face Verification App) से भीड़ में भारी कमी आई है। “शासन नागरिकों के जीवन में ‘Ease of Living’ लाने का प्रयास कर रहा है। यदि सभी सेवाएं व्हॉट्सऐप और वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होंगी, तो शिकायतें कम होंगी और नागरिकों का जीवन आसान बनेगा,” ऐसा भी उन्होंने कहा। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में जनता के लिए कर्तव्य भावना से काम करना होता है। लोकसेवा हक्क अधिनियम केवल कानून नहीं, बल्कि एक आदर्श भावना है, और आयोग ने इस भावना को साकार किया है। यह अधिनियम प्रशासन और नागरिकों के बीच विश्वास का एक सेतु है, और इसके माध्यम से नागरिकों को त्वरित सेवा प्रदान की जानी चाहिए। इस अवसर पर वर्धा, यवतमाळ और कोल्हापुर के जिलाधिकारियों को उनके नवोन्मेषी उपक्रमों के लिए सम्मानित किया गया। शिंदे ने सभी जिलों में ऐसे अभिनव प्रयासों को अपनाने की अपील की। मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने कहा कि शासन अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके नागरिकों को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के साथ किए गए सहयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महाराष्ट्र डिजिटल गवर्नेंस का एक राष्ट्रीय मॉडल बनेगा। समारोह में जिलाधिकारी राहुल कर्डिले (वर्धा), पंकज आशिया (यवतमाळ), और अमोल येडगे (कोल्हापुर) का अभिनव कार्यों के लिए मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान किया गया। पद्मश्री शंकर महादेवन और अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी को लोकसेवा हक्क अधिनियम के ब्रँड अंबेसडर के रूप में सम्मानित किया गया। राज्य सेवा हक्क आयोग के मुख्य आयुक्त मनु कुमार श्रीवास्तव ने अधिनियम के 10 वर्षों के क्रियान्वयन की जानकारी दी और आयोग द्वारा भविष्य में जनजागरण के लिए अपनाए जाने वाले नवाचारों की जानकारी साझा की। पुणे के आयुक्त दिलीप शिंदे ने आभार प्रदर्शन किया।